नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल सुभाष तोमर की मौत कैसे हुई... इस पर अब विवाद गहराता जा रहा है। एक चश्मदीद सामने आया है, जिसका कहना है कि उसने सुभाष तोमर को गिरते देखा था। इसके बाद उसने पुलिस की मदद से उन्हें अस्पताल भी पहुंचाया।
योगेंद्र नाम के इस चश्मदीद के मुताबिक सुभाष तोमर को किसी प्रदशर्नकारी ने पीटा नहीं था, जबकि दिल्ली पुलिस के सीपी का कहना था कि सुभाष तोमर की गर्दन, छाती और पेट पर चोट के निशान थे। इस बीच इंतज़ार है पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का, जिससे तस्वीर साफ होगी।
कॉन्स्टेबल सुभाष तोमर, जिनकी मौत की वजह को लेकर तमाम सवाल खड़े हुए थे, इस पर इस प्रत्यक्षदर्शी के बयान के बाद नया मोड़ आ गया है। कॉन्सटेबल तोमर 22 तारीख़ को इंडिया गेट प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी पर थे। तस्वीरों में कॉन्स्टेबल को संभाल रहे इस युवक के मुताबिक तोमर को चोट नहीं आई और दौड़ते-दौड़ते वह अचानक गिर पड़े। योगेंद्र नाम के इस युवक और उसकी सहयोगी ने कॉन्स्टेबल को पुलिस की मदद से अस्पताल पहुंचाया था।
उधर, दिल्ली पुलिस के आला अफ़सर योगेंद्र के बयान पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। पुलिस योगेंद्र के बयान को सच मानने को तैयार नहीं है। पुलिस के आला अफ़सर यह दावा भी कर रहे हैं कि सुभाष के शरीर पर चोट के निशान हैं।
योगेंद्र के दावे से लगता है कि सुभाष की मौत पत्थरबाज़ी के दौरान नहीं हुई, लेकिन हक़ीकत तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगी।
योगेंद्र नाम के इस चश्मदीद के मुताबिक सुभाष तोमर को किसी प्रदशर्नकारी ने पीटा नहीं था, जबकि दिल्ली पुलिस के सीपी का कहना था कि सुभाष तोमर की गर्दन, छाती और पेट पर चोट के निशान थे। इस बीच इंतज़ार है पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का, जिससे तस्वीर साफ होगी।
कॉन्स्टेबल सुभाष तोमर, जिनकी मौत की वजह को लेकर तमाम सवाल खड़े हुए थे, इस पर इस प्रत्यक्षदर्शी के बयान के बाद नया मोड़ आ गया है। कॉन्सटेबल तोमर 22 तारीख़ को इंडिया गेट प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी पर थे। तस्वीरों में कॉन्स्टेबल को संभाल रहे इस युवक के मुताबिक तोमर को चोट नहीं आई और दौड़ते-दौड़ते वह अचानक गिर पड़े। योगेंद्र नाम के इस युवक और उसकी सहयोगी ने कॉन्स्टेबल को पुलिस की मदद से अस्पताल पहुंचाया था।
उधर, दिल्ली पुलिस के आला अफ़सर योगेंद्र के बयान पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। पुलिस योगेंद्र के बयान को सच मानने को तैयार नहीं है। पुलिस के आला अफ़सर यह दावा भी कर रहे हैं कि सुभाष के शरीर पर चोट के निशान हैं।
योगेंद्र के दावे से लगता है कि सुभाष की मौत पत्थरबाज़ी के दौरान नहीं हुई, लेकिन हक़ीकत तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगी।
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