मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने दो महीने पहले एक एजुकेशन लोन स्कीम की घोषणा की थी, जिसके मुताबिक दिल्ली में किसी भी छात्र को उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन लेना होगा तो उसके लोन की वापसी के लिए केजरीवाल सरकार गारंटी लेगी।
यह स्कीम आज भी हवा में है। इस साल जून की शुरुआत में दिल्ली सरकार ने इस स्कीम की घोषणा की थी। दिल्ली सरकार ने फिर बैंकों को चिट्ठी लिखी, बैंकों की अब तक बैठक ही चल रही है, लेकिन सरकार का दावा था कि छात्रों को इसी सत्र से इस स्कीम के तहत लोन मिलना शुरू हो जाएगा।
हैरानी इस बात की है कि अब तो ज़्यादातर जगह एडमिशन हो चुके हैं और अभी भी कहा नहीं जा सकता कि यह स्कीम कब शुरू होगी। सवाल ये हैं कि दिल्ली सरकार ने इस साल बजट में जो 30 करोड़ रुपये इस गारंटी के नाम रखे थे, उसका क्या होगा।
बिना किसी तैयारी के इस स्कीम की घोषणा कर देना और जब स्कीम लागू नहीं हुई और छात्रों को लोन नहीं मिला तो सारी ज़िम्मेदारी बैंकों पर डाल देना, क्या यह सिर्फ क्रेडिट लूटने की कवायद भर थी?