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This Article is From Sep 18, 2015

गरीबी से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार शिक्षा : वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी

गरीबी से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार शिक्षा : वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नौ महीने के बाद शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने एक कार्यक्रम में जरूरतमंद लोगों को रिक्शा और ई-रिक्शा वितरित किए।

इस मौके पर अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि सालों से हम सिर्फ 'गरीबी हटाओ' के नारे सुनते रहे। गरीबों की भलाई के बारे में दिन-रात बातें करना एक परंपरा-सी बन गई है, लेकिन गरीबों की जिंदगी में काफी कम बदलाव आए हैं।

उन्होंने कहा कि तकनीक के सहारे गरीबों के जीवन में बदलाव आ सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि गरीबी से लड़ने का सबसे कारगर तरीका है अपनी संतानों को शिक्षित करना।

कांग्रेस द्वारा 70 के दशक में दिए गए ‘गरीबी हटाओ’ नारे को हकीकत में नहीं बदल पाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरजते हुए दावा किया कि पिछले 50 सालों में जो काम नहीं हो पाया, उसे वह 50 महीने में पूरा करके दिखाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस का नाम लिए बिना उसे ललकारते हुए कहा कि जिन्होंने पिछले 40-50 साल में गरीबों के खाते तक नहीं खोले और उनकी अहमियत नहीं समझी, वो उनसे हिसाब मांग रहे हैं।

वाराणसी में रिक्शा चालकों को 501 पैडल और 101 ई-रिक्शे तथा सोलर लैंप वितरित करने के एक समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि पिछले 60 सालों से हम गरीबों के कल्याण की केवल बातें करते रहे, लेकिन जितनी मात्रा में इसके परिणाम आने चाहिए थे, गरीबों की जिंदगी में जो बदलाव आने चाहिए थे, वे नहीं आए।

कांग्रेस के ‘गरीबी हटाओ’ नारे पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि हम गरीबी उल्मूलन के कार्यक्रम के बारे में 40-50 वर्षों से सुनते आ रहे हैं। राजनीति में गरीबों और गरीबों के कल्याण के बारे में बात करना एक परंपरा बन गई है, जो बंद होनी चाहिए। अपने संबोधन में कांग्रेस का सीधे नाम लिए बिना मोदी ने कहा,  अच्छा होता अगर 40-50 साल पहले (गरीबों के खाते) खोल दिए जाते, तब आज उसे ऑपरेट करने की जरूरत नहीं होती। आपने जो काम 50 वर्षों में नहीं किया, वो काम मैं 50 महीने में करूंगा। मैं यहां यह बताने आया हूं।

उन्होंने जनधन योजना का जिक्र करते हुए कहा, बैंकों के राष्ट्रीयकरण के 40-50 साल गुजरने के बाद भी कोई गरीब बैंकों के दरवाजे पर नहीं दिखाई दे रहा है। इस सवाल को पिछले 50 सालों में किसी बुद्धिमान व्यक्ति ने नहीं उठाया। हमने यह बीड़ा उठाया है।

कांग्रेस का नाम लिए बिना उन्होंने उस पर निशाना लगाना जारी रखते हुए कहा,  मैं हैरान हूं.. जिन्होंने कभी गरीबों के खाते नहीं खोले, गरीबों को कभी अहमियत नहीं दी, वे हमसे हिसाब मांग रहे हैं। वे कह रहे हैं कि खाते ऑपरेट नहीं हो रहे हैं।
(इनपुट्स भाषा से भी)

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