20 करोड़ रुपये से अधिक के सालाना कारोबार पर ई चालान 1 अप्रैल से अनिवार्य होगा

E Challan 1st April : ने कहा कि 20 करोड़ रुपये से अधिक के सालाना कारोबार वाले कारोबारियों को एक अप्रैल से बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) लेनदेन के लिए ई-चालान ही भरना होगा.

20 करोड़ रुपये से अधिक के सालाना कारोबार पर ई चालान 1 अप्रैल से अनिवार्य होगा

E-challan mandatory : एक अप्रैल से ई-चालान अनिवार्य किया जाएगा (प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली:

GST E-Challan : केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBDT) ने कहा कि 20 करोड़ रुपये से अधिक के सालाना कारोबार वाले कारोबारियों को एक अप्रैल से बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) लेनदेन के लिए ई-चालान ही भरना होगा. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के तहत बी2बी लेनदेन पर 500 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए 1 अक्टूबर 2020 से ई-चालान अनिवार्य कर दिया गया था. बाद में इसे 1 जनवरी 2021 से 100 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए अनिवार्य बना दिया गया. पिछले साल एक अप्रैल से 50 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियां बी2बी लेनदेन के लिए ई-चालान काट रही थीं. अब इसके दायरे में 20 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों को लाया जा रहा है.ईवाई इंडिया के टैक्स पार्टनर बिपिन सपरा ने कहा कि इस कदम से कर अनुपालन सरल होगा और इनपुट टैक्स क्रेडिट संबंधी धोखाधड़ी में भी कमी होगी.

गौरतलब है कि हाल में कई जीएसटी फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ है. वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि जीएसटी अधिकारियों ने 38.5 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के एक मामले का खुलासा किया है, जिसमें 54 फर्जी फर्मों के जरिये 611 करोड़ रुपये के चालान जारी किए गए. दक्षिण दिल्ली सीजीएसटी आयुक्त कार्यालय के अफसरों ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में रजिस्टर्ड 54 फर्जी कंपनियों को चलाने वाले एक गिरोह का पता लगाया, जो नकली चालान और सर्कुलर ट्रेडिंग में शामिल थे. इसको लेकर दिल्ली में कई स्थानों पर तलाशी की गई.

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छापेमारी में आपत्तिजनक सामान, जैसे - रबर स्टैंप और विभिन्न फर्मों के लेटर हेड, मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि जब्त किए गए. भी तक की जांच में लगभग 611 करोड़ रुपये के फर्जी चालान और 38.5 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का खुलासा हुआ है. दावा किया गया कि रैकेट के सदस्यों ने इन फर्जी कंपनियों के प्रबंधन में अपनी भूमिका को स्वीकार किया है.कुछ दिनों पहले गुजरात के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) की मदद से राज्य के जीएसटी विभाग ने भावनगर की एक कंपनी के अध्यक्ष को 762 करोड़ रुपये के फर्जी बिल का इस्तेमाल कर गलत तरीके से 137 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.