यह ख़बर 23 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

जोधपुर : इंसानों को दिया गया 'जानवरों का इंजेक्शन'!

जोधपुर:

जोधपुर में एक सरकारी अस्पताल में करीब 300 मरीजों को ऐसा एंटीबायटिक इंजेक्शन दिया गया, जिनकी शीशियों पर 'सिर्फ पशुओं के इलाज के लिए' लिखा हुआ था। अधिकारियों ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

हालांकि मथुरा दास माथुर अस्पताल के प्रशासनिक प्रमुख दीपक वर्मा ने कहा कि यह गलत 'लेबलिंग' का मामला हो सकता है। अस्पताल में मरीजों को मेरोपेनेम एंटीबायटिक दवा दी गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले के सामने आते ही अस्पताल के अधिकारियों ने जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है।

वर्मा ने कहा कि हमने बाजार से मेरोपेनेम के 1000 इंजेक्शन खरीदे थे। इनमें से करीब 300 शीशी इंजेक्शन दिए जा चुके हैं और बाकी औषधि नियंत्रण विभाग के पास हैं। उन्होंने कहा कि 300 शीशियां दिए जाने के बाद भी मरीजों में दवाई के दुष्प्रभाव या दुर्घटना की खबर नहीं है, इसलिए यह गलत 'लेबलिंग' का मामला हो सकता है।

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राजस्थान मेडिकल विभाग ने मामले में अलग जांच के आदेश दिए हैं। एक विभागीय विज्ञप्ति के अनुसार मेडिकल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव जेसी मोहंती ने मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है। समिति सात दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। विज्ञप्ति के अनुसार, इसके अलावा मेडिकल और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने खेप स्वीकार करने वाले ड्रग स्टोर के फार्मासिस्ट और एक स्टोरकीपर को निलंबित कर दिया है।