ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) मरीजों के इलाज में इस्तेमाल हो रही दवा फैबीफ्लू (Favipiravir) को लेकर किए गए "झूठे दावे" और दवा की अधिक कीमत पर ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स (Glenmark Pharmaceuticals) से स्पष्टीकरण मांगा है. दवा नियामक DCGI ने फैबीफ्लू की कीमत पर भी सफाई देने को कहा है. एक सांसद की ओर से मिली शिकायत के दवा नियामक ने यह कदम उठाया है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने 19 जून को बताया था कि दवा नियामक ने हल्के और मध्यम COVID-19 मामलों में एंटी वायरल दवा फ़ेवीपिरविर के "सीमित आपातकालीन उपयोग" को हरी झंडी दी थी. इसके बाद, ग्लेनमार्क ने पिछले महीने फैबीफ्लू दवा लॉन्च की थी. इसकी एक टैबलेट की कीमत 103 रुपये थी. एक सांसद की शिकायत मिलने के बाद डीसीजीआई के प्रमुख वी जी सोमानी ने ग्लेनमार्क को स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है.
सांसद की ओर से दवा नियामक को भेजी गई शिकायत में कहा गया, "फैबीफ्लू के इलाज की कुल लागत करीब 12,500 रुपये होगी. ग्लेनमार्क की ओर से प्रस्तावित कीमत निश्चित रूप से देश के गरीबों, निम्न आय वर्ग और मध्यम वर्ग के हित में नहीं है."
उन्होंने कहा कि ग्लेनमार्क ने अपने दावे में कहा कि मरीज को यह दवा 14 दिन तक लेनी चाहिए. इस हिसाब से उसे करीब 122 टैबलेट लेनी होगी. जिसमें पहले दिन 18 टैबलेट और दूसरे दिन से लेकर 14 दिन तक रोजाना 8 टैबलेट शामिल हैं. इस तरह इलाज का पूरा खर्च करीब 12,500 रुपये बैठेगा.
कंपनी ने दावा किया था कि फैबीफ्लू कोरोना के साथ-साथ हाइपरटेंशन और डायबिटीज जैसी बीमारियों से लड़ने में भी कारगार है. जबकि इस दवा के ट्रायल में ऐसी किसी बीमारी को शामिल ही नहीं किया गया था. डीसीजीआई ने ग्लेनमार्क को इस पर भी स्पष्टीकरण देने को कहा है.
डीसीजीआई ने अपने पत्र में कहा, "इन बीमारियों के इलाज को लेकर कोई भी पर्याप्त डेटा उपलब्ध नहीं है." इसे देखते हुए ग्लेनमार्क से इन बिंदुओं पर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है. समाचार एजेंसी एएनआई ने जब ग्लेनमार्क फार्मा से संपर्क किया तो उन्होंने इस पर कुछ भी टिप्पणी करने से मना कर दिया.
हालांकि, ग्लेनमार्क ने 13 जुलाई को अपनी एंटी वायरल दवा Favipiravir की कीमत को 27 प्रतिशत घटाकर 75 रुपये प्रति टैबलेट कर दिया है.
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