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This Article is From Jun 28, 2021

जम्मू एयरबेस पर ड्रोन से हमला : बड़ा सवाल आखिर रडार की नजर से कैसे बचा ड्रोन?

हमारे पास बड़े ड्रोन को इंटरसेप्ट करने के एयर डिफेंस सिस्टम हैं पर छोटे ड्रोन को रोकने के बहुत पुख्ता इंतजाम नहीं है.क्योंकि ये काफी नीचे उड़ते हैं और इनका रडार की पकड़ में आना मुश्किल हो जाता है.

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जम्मू एयरबेस पर ड्रोन से हमला : बड़ा सवाल आखिर रडार की नजर से कैसे बचा ड्रोन?
जम्मू एयरबेस पर रविवार को ड्रोन हमला हुआ...
नई दिल्ली:

जम्मू एयरबेस के तकनीकी इलाको में हुए धमाकों में विस्फोटक से लदे ड्रोन का इस्तेमाल हुआ है. NDTV से जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इसकी पुष्टि की है. धमाका जिस जगह पर हुआ, वो पाकिस्तानी सीमा से 14 किलोमीटर दूर है. एनआईए ने जांच अपने हाथ में ले ली है. वायुसेना और जम्मू कश्मीर पुलिस भी अपने अपने स्तर पर जांच कर रहे हैं. हमले में शक की सूई पाकिस्तान से जुड़े संगठनों पर जा रही है. वायुसेना के आधिकारिक बयान के मुताबिक कल तड़के एयरपोर्ट के तकनीकी इलाके में 2 धमाके हुए. एक धमाका खुले इलाके में और दूसरा धमाका इमारत में हुआ. धमाके के बाद बम स्क्वॉड और फ़ॉरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंच गई थी.

जम्मू में मिलिट्री स्टेशन के पास दिखे दो ड्रोन

बता दें कि इसके बाद भी कल रात जम्मू के कालूचक मिलिट्री स्टेशन के पास दो ड्रोन दिखे. परमंडल चौक के पास पहला ड्रोन रात 11.30 और दूसरा रात 1.30 बजे दिखा. सेना के फायर करने के बाद ड्रोन वापस लौटे गया. भारतीय सेना मामले की जांच कर रही है.
जम्मू एयरपोर्ट का इंटरनेशनल बॉर्डर से एरियल डिस्टेंस मात्र 5 से 6 किलोमीटर है

जम्मू एयरपोर्ट का इंटरनेशनल बॉर्डर से एरियल डिस्टेंस मात्र 5 से 6 किलोमीटर है. अभी तक यह नहीं पता कि ड्रोन सीधे पाक से आया या फिर जम्मू से ही उड़ा. अगर जम्मू से उड़ा तो किसने उड़ाया, उसके हैंडलर कौन कौन हैं ? क्या ड्रोन ने टारगेट मिस किया या फिर एक चेतावनी दे गया ? क्या ड्रोन बम गिराकर वापस चला गया या फिर उसने टारगेट पर हमला करके खुद को तबाह कर दिया. 

छोटे ड्रोन को रोकने के बहुत पुख्ता इंतजाम नहीं

हमारे पास बड़े ड्रोन को इंटरसेप्ट करने के एयर डिफेंस सिस्टम हैं पर छोटे ड्रोन को रोकने के बहुत पुख्ता इंतजाम नहीं है.क्योंकि ये काफी नीचे उड़ते हैं और इनका रडार की पकड़ में आना मुश्किल हो जाता है. जब सऊदी अरब में अरमोके तेल डिपो में ऐसे ही हमला हुआ था तो उनकी सुरक्षा में अमेरिका तैनात था, वह भी ऐसे हमले को नहीं रोक पाया था. आशंका है कि आतंकियों ने क्वॉडकॉपर ड्रोन के जरिए एयरफोर्स स्टेशन पर विस्फोटक गिराए. ये तरीका नया नहीं है.  यमन के हूती विद्रोही भी यही तरीका अपनाते हैं. ये सऊदी अरब के एयरबेस और तेल के ठिकानों पर हमला करते हैं. हालात ये हैं कि 30 घंटे बाद वायुसेना यह बताने की हालत में नही है कि हमला कैसे हुआ है.

भारतीय सीमा में ड्रोन भेजता रहा है  पाकिस्तान

बता दें कि पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान हथियार, ड्रग्स और नकली करेंसी भेजने के लिए बॉर्डरों पर ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है. पहले ऐसे ड्रोन पकड़े भी गए हैं. इससे पहले मार्च में भी पाकिस्तान की ओर से आए ड्रोन को भारत-पाक सीमा से लगे बामियाल के निकट डिंडा चौकी पर देखा गया था. उस समय बीएसएफ जवानों ने उसकी दिशा में गोलीबारी की थी, जिसके बाद वह लौट गया था.  दिसंबर 2020 में पंजाब के गुरदासपुर में भी एक खेत में पाकिस्तान का ड्रो न गिरा था. जिसमें 11 हथगोले बरामद किए गए थे.
 

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