ड्राइव इन वैक्‍सीनेशन सेंटर से मुंबई में टीकाकरण को मिलेगी रफ्तार, 24 घंटों की समयसीमा तय

महाराष्‍ट्र का पहला ड्राइव इन वैक्‍सीनेशन सेंटर इस सप्‍ताह दादर में प्रारंभ हुआ है. इस प्रोजेक्‍ट की सफलता ने बीएमसी को मुंबई में भी इस व्‍यवस्‍था को लागू करने के लिए प्रेरित किया है.

ड्राइव इन वैक्‍सीनेशन सेंटर से मुंबई में टीकाकरण को मिलेगी रफ्तार, 24 घंटों की समयसीमा तय

महाराष्‍ट्र का पहला ड्राइव इन वैक्‍सीनेशन सेंटर इस सप्‍ताह दादर में प्रारंभ हुआ है

मुंबई :

मुंबई में जल्‍द ही ड्राइव इन वैक्‍सीनेशन सेंटर बनाए जाएंगे, ऐसा 24 घंटों के भीतर ही हो सकता है. शहर के नगरीय निकाय ने अधिकारियों के समक्ष इसके लिए डेडलाइन दी है, ऐसे वैक्‍सीनेशन सेंटर हर एडमिनिस्‍ट्रेटिव जोन में तैयार करने को कहा गया है. बीएमसी ने इसके लिए ब्‍लूप्रिंट तैयार करने का फैसला किया है हालांकि देश के अन्‍य राज्‍यों की तरह महाराष्‍ट्र भी इस समय कोरोना वैक्‍सीन की कमी का सामना कर रहा है. बीएमसी की ओर से बताया गया है कि ड्राइव इन वैक्‍सीनेशन सेंटर बड़े ग्राउंड जैसे अंधेरी स्‍पोर्ट्स क्‍लब ग्राउंड, कूपरेज ग्राउंड, शिवाजी स्‍टेडियम, ओवल मैदान, ब्रेबोर्न स्‍टेडियम, एमआईजी ग्राउंड, एमसीए ग्राउंड, रिलायंस जियो गार्डन और यहां तक कि वानखेड़े स्‍टेडियम में स्‍थापित किए जाएंगे. 

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बीएमसी ने यह भी जानकारी दी है कि वैक्‍सीनेशन सेंटर पर पर्याप्‍त और समुचित अस्‍थायी शेल्‍ट होने चाहिए ताकि वैक्‍सीनेशन करने वाले स्‍टाफ का वहां रुकने का इंतजाम किया जा सके. गौरतलब है कि महाराष्‍ट्र का पहला ड्राइव इन वैक्‍सीनेशन सेंटर इस सप्‍ताह दादर में प्रारंभ हुआ है. इस प्रोजेक्‍ट की सफलता ने बीएमसी को देश की वित्‍तीय राजधानी मुंबई में भी इस व्‍यवस्‍था को लागू करने के लिए प्रेरित किया है. सेंटर में करीब 5 हजार लोगों के प्रतिदिन टीकाकरण की क्षमता है और संक्रमण को खतरा सबसे कम होगा जैसा कि भीड़ वाले स्‍थानों और लंबी कतारों में होता है.जहां पहला ड्राइव इन वैक्‍सीनेशन सेंटर केवल सीनियर सिटीजंस और स्‍पेशली एबल्‍ड लोगों के लिए था, वहीं अथॉरिटी को अब लगता है कि ऐसे समय जब 18 से 45 वर्ष तक के लोगों के लिए टीकाकरण शुरू किया जा रहा है तो अस्‍पतालों और हेल्‍थ सेंटर में भीड़ को सेफ्टी प्रोटोकॉल के साथ नियंत्रित करना बेहद मुश्किल होगा.

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गौरतलब है कि केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने बुधवार को ही अपनी ब्रीफिंग में कहा था कि कोरोना महामारी मामले में महाराष्‍ट्र सहित 12 से अधिक राज्‍य अभी भी चिंता का कारण बने हुए हैं. इन राज्‍यों में कोरोना के एक लाख से अधिक एक्टिव केस हैं. मंत्रालय की ओर से बताया गया था कि महाराष्‍ट्र, उत्‍तर प्रदेश, दिल्‍ली और गुजरात में कोरोना के नए केसों की संख्‍या में गिरावट आई है जो अच्‍छा संकेत हैं. ज्‍वाइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा था कि महाराष्‍ट्र की राजधानी मुंबई के अलावा दिल्‍ली में कोरोना केसों में कमी के संकेत मिले हैं लेकिन बेंगलुरू अभी भी चिंता का कारण बना हुआ है.  

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