प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
डीआरआई की टीम ने उदयपुर में ड्रग्स की तीन फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर 10 हज़ार करोड़ की नशीली दवाएं जब्त की है.
सूत्रों की मानें, तो दिल्ली से 600 किलोमीटर दूर सबसे बड़ी ड्रग्स फैक्ट्री और सबसे बड़े ड्रग्स माफिया का भंडाफोड़ हुआ है. तीन अलग-अलग फैक्ट्री में 25 टन नशीली दवा मिली हैं जो करीब 10 हज़ार करोड़ की मानी जा रही हैं. उदयपुर से सऊदी अरब तक इस गिरोह का जाल फैला हुआ था.
इस रैकेट के दो सरगना सुभाष दुधानी और उसका भतीजा रवि दुधानी हैं. सूत्रों के मुताबिक, डीआरआई की टीम को एक ड्रग्स तस्कर के दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने की ख़बर मिली थी, जिसके बाद डीआरआई की टीम ने उस शख्स को हिरासत में लिया. ये कोई और नहीं, बल्कि रवि दुधानी था. रवि ने ही पूछताछ में उदयपुर में ड्रग्स फैक्ट्री का खुलासा किया.
डीआईआर की टीम को रवि से पता चला कि उदयपुर में तीन फैक्ट्री चल रही हैं, जिनमें नशे की गोलियां तैयार की जाती हैं. डीआरआई की टीम को इसी बीच सुभाष दुधानी के बारे में पता चला. जांच में सामने आया है कि सुभाष दुधानी इस पूरे ड्रग्स के गोरखधंधे का मास्टरमाइंड है. सुभाष के लिए ही रवि काम कर रहा था. उदयपुर, दिल्ली और मुंबई में ड्रग्स का सारा काम रवि ही देखता था.
दिवाली की रात सुभाष दुधानी को भी मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया. मंगलवार को दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई. भारत में ड्रग्स का काम रवि दुधानी संभालता था. सुभाष दुबई में बैठकर ड्रग्स की डील करता था. ड्रग्स सऊदी अरब, साउथ अफ्रीका और कई देशों में भेजी जाती थी.
भारत में एक नशीली गोली की कीमत 500 रुपये थी और विदेशों में 3,000-3,500 रुपये में बिकती थी. इस ड्रग्स रैकेट में अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें रैकेट का मास्टरमाइंड सुभाष दुधानी, उसका भतीजा रवि दुधानी और ड्राईवर राजतिलक के अलावा दो और लोग शामिल हैं.
सूत्रों की मानें, तो दिल्ली से 600 किलोमीटर दूर सबसे बड़ी ड्रग्स फैक्ट्री और सबसे बड़े ड्रग्स माफिया का भंडाफोड़ हुआ है. तीन अलग-अलग फैक्ट्री में 25 टन नशीली दवा मिली हैं जो करीब 10 हज़ार करोड़ की मानी जा रही हैं. उदयपुर से सऊदी अरब तक इस गिरोह का जाल फैला हुआ था.
इस रैकेट के दो सरगना सुभाष दुधानी और उसका भतीजा रवि दुधानी हैं. सूत्रों के मुताबिक, डीआरआई की टीम को एक ड्रग्स तस्कर के दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने की ख़बर मिली थी, जिसके बाद डीआरआई की टीम ने उस शख्स को हिरासत में लिया. ये कोई और नहीं, बल्कि रवि दुधानी था. रवि ने ही पूछताछ में उदयपुर में ड्रग्स फैक्ट्री का खुलासा किया.
डीआईआर की टीम को रवि से पता चला कि उदयपुर में तीन फैक्ट्री चल रही हैं, जिनमें नशे की गोलियां तैयार की जाती हैं. डीआरआई की टीम को इसी बीच सुभाष दुधानी के बारे में पता चला. जांच में सामने आया है कि सुभाष दुधानी इस पूरे ड्रग्स के गोरखधंधे का मास्टरमाइंड है. सुभाष के लिए ही रवि काम कर रहा था. उदयपुर, दिल्ली और मुंबई में ड्रग्स का सारा काम रवि ही देखता था.
दिवाली की रात सुभाष दुधानी को भी मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया. मंगलवार को दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई. भारत में ड्रग्स का काम रवि दुधानी संभालता था. सुभाष दुबई में बैठकर ड्रग्स की डील करता था. ड्रग्स सऊदी अरब, साउथ अफ्रीका और कई देशों में भेजी जाती थी.
भारत में एक नशीली गोली की कीमत 500 रुपये थी और विदेशों में 3,000-3,500 रुपये में बिकती थी. इस ड्रग्स रैकेट में अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें रैकेट का मास्टरमाइंड सुभाष दुधानी, उसका भतीजा रवि दुधानी और ड्राईवर राजतिलक के अलावा दो और लोग शामिल हैं.
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