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This Article is From Dec 19, 2021

रोहिणी बम विस्फोट के आरोपी DRDO वैज्ञानिक ने आत्महत्या का प्रयास किया

भरत भूषण कटारिया (47) का एम्स में इलाज चल रहा है और उनकी हालत पूरी तरह स्थिर है। वह रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं

रोहिणी बम विस्फोट के आरोपी DRDO वैज्ञानिक ने आत्महत्या का प्रयास किया
डीआरडीओ वैज्ञानिक भरत भूषण कटारिया रोहिणी कोर्ट ब्लास्ट में आरोपी
नयी दिल्ली:

रोहिणी अदालत (Rohini court blast) के अंदर विस्फोटक लगाने के आरोप में गिरफ्तार किये गये डीआरडीओ के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने पुलिस हिरासत में शौचालय में हैंडवाश निगलकर कथित रूप से खुदकुशी की कोशिश की. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. उनके अनुसार आरोपी भरत भूषण कटारिया (DRDO scientist) का एम्स में इलाज चल रहा है और उनकी हालत पूरी तरह स्थिर है. वह रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं.कटारिया को अपने पड़ोसी की जान लेने की मंशा से नौ दिसंबर को यहां रोहिणी अदालत के अंदर एक टिफिन में देसी बम कथित रूप से लगाने को लेकर गिरफ्तार किया गया था. उनके पड़ोसी ने उनके विरूद्ध कई मामले दर्ज करा रखे थे और उस दिन वह अदालत परिसर में मौजूद था.

आरोपी से शुक्रवार को दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने पूछताछ की थी और उसी दिन बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस के अनुसार तब से वह पुलिस हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार शनिवार रात को शौचालय में कटारिया ने कथित रूप से तरल हैंडवाश निगल लिया और बाद में बेहोश पाये गये। उन्हें उल्टियां आने लगीं और बाद में होश आने पर उन्होंने पेटदर्द की शिकायत की जिसके बाद उन्हें बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया और फिर वहां से उन्हें एम्स भेज दिया गया.

अधिकारी ने कहा कि जब पुलिसकर्मी अस्पताल में उनसे मिलने गये तो उन्होंने उनसे कहा कि उन्होंने कुछ नहीं निगला है। लेकिन जब हमने डॉक्टरों से बात की तब उन्होंने बताया कि उन्होंने हैंडवाश निगल लिया था. उनका एम्स में इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति पूरी तरह स्थिर है। एक वरिष्ठ डॉक्टर कल उनकी जांच करेंगे और आशा है कि उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी। उनसे शीघ्र ही पूछताछ की जाएगी.

आरोपी ने पहले से ही यह तैयारी कर रखी थी कि यदि पकड़े गये तो पूछताछ से कैसे बचना है. उन्होंने कहा कि वह गुमराह कर रहे है और सवालों से बचने के लिए जांच दल को कहानियां सुना रहे हैं. वह सहयोग नहीं कर रहे हैं और उन्होंने पूछताछ से बचने के लिए, जो भी व्यवस्था के बारे में पढ़ रखा है, उसे अपनाया है.

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