नागरकोइल:
डीआरडीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल 2012 तक वायुसेना में शामिल कर ली जाएगी। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के मुख्य नियंत्रक और ब्रह्मोस एयरोस्पेस के प्रबंध निदेशक एएस पिल्लै ने चुनकनकदई में बताया कि मिसाइल थलसेना और नौसेना में पहले ही शामिल की जा चुकी है। उन्होंने दावा किया कि यह विश्व का पहला ऐसा संयुक्त उद्यम है और इसमें भारत और रूस दोनों शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मिसाइलों को विकसित करने के लिए अनुसंधान जारी है और इसमें ऐसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे दुश्मनों के रडारों पर इसका पता नहीं लग सकेगा। पिल्लै ने कहा कि भारत के पास ऐसी मिसाइलें हैं जो 3500 किलोमीटर दूर तक मार कर सकती हैं।