हमले के दौरान की तस्वीर...
श्रीनगर:
जम्मू कश्मीर के पंपोर में हुए आतंकी हमले का नया वीडियो सामने आया है। इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि किस तरह से एक आतंकी बस पर लगातार ताबड़तोड़ फ़ायरिंग कर रहा है। इस फायरिंग की आवाज़ आप साफ-साफ सुन सकते हैं हालांकि दूसरा आतंकी इसमें नहीं है। यह एक एम्मैच्योर वीडियो है जिसे कुछ लोगों ने छिपकर बनाया है।
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यहां देखें इससे जुड़ा वीडियो
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8 जवान हुए हैं शहीद
सीआरपीएफ की बस पर आतंकियों द्वारा किए गए हमले में 8 जवान शहीद हो गए और 24 अन्य घायल हो गए। आतंकियों ने पंपोर के नजदीक सीआरपीएफ के काफिले बस पर हमला किया। इससे जुड़ा वीडियो जारी हुआ है कि कैसे आतंकियों ने बस को निशाना बनाया।
दो आतंकी भी मारे गए
जवाबी फायरिंग में दो आतंकी भी मारे गए। हमले के बाद सेना भी घटनास्थल पर पहुंच गई और व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया। मारे गए आतंकियों के पास से दो एके 47 राइफलें, 11 मैगजीन, 6 हैंड ग्रेनेड और कुछ अन्य गोला-बारूद बरामद हुए हैं।
इस महीने सुरक्षा बलों पर आतंकियों का यह चौथा हमला
इस महीने में सुरक्षा बलों पर आतंकियों का यह चौथा हमला है। इससे पहले के तीन हमलों में पांच पुलिस और बीएसएफ के जवान शहीद हो गए थे, जबकि कई अन्य घायल हो गए।
पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख प्रकट किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ सीआरपीएफ कर्मियों की मौत पर दुख प्रकट किया और उनके साहस को सलाम किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं जम्मू कश्मीर में शहीद हुए सीआरपीएफ कर्मियों के साहस को सलाम करता हूं। उन्होंने पूर्ण समर्पण भाव से राष्ट्र की सेवा की। उनकी मौत से गहरा दुख हुआ।’’ उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘मेरी संवेदनाएं आज शहीद हुए लोगों के परिवारों के प्रति हैं। घायल शीघ्र स्वस्थ हो जाएं।’’
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को दिया कड़ा संदेश
जम्मू-कश्मीर के पंपोर में सुरक्षाबलों पर आतंकियों के हमले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने एक पुराने बयान को दोहराते हुए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा सीमा पर डेढ़ साल पहले पांच नागरिकों की हत्या किए जाने के बाद सुरक्षा बलों को स्थायी आदेश दिया था कि हम पहली गोली नहीं दागेंगे, लेकिन अगर पाकिस्तान की ओर से एक भी गोली चलती है, तो हम अपनी गोलियों का हिसाब नहीं रखेंगे।
आतंकियों को पहचानना मुश्किल
सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह किसी सुरक्षा में हुई चूक का नतीजा है। वजह है कैसे सड़क पर रोड ओपनिंग पार्टी के होने के बावजूद आतंकी अपने नापाक हरकत में सफल रहे। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि आतंकी आम आदमी के कपड़ों में होते हैं, जिन्हें पहचान पाना आसान नहीं होता कि आम आदमी के भीड़ में कौन आतंकी है और कौन आम आदमी?
इस बारे में सीआरपीएफ का कहना है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच की जा रही है। उसके बाद ही पक्के तौर पर कुछ कहा जा सकता है। अब इस घटना की बात करें तो तीनों गाड़ियां बस, ट्रक और स्वराज माजदा में आतंकी हमले से निपटने के लिए हथियार बंद जवान तैनात थे। इतना ही सड़क पर हथियारबंद ROP भी तैनात थे। इसी का नतीजा रहा है कि जवानों पर हमला करने वाले आतंकी को सीआरपीएफ के जवानों ने मार गिराया।
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8 जवान हुए हैं शहीद
सीआरपीएफ की बस पर आतंकियों द्वारा किए गए हमले में 8 जवान शहीद हो गए और 24 अन्य घायल हो गए। आतंकियों ने पंपोर के नजदीक सीआरपीएफ के काफिले बस पर हमला किया। इससे जुड़ा वीडियो जारी हुआ है कि कैसे आतंकियों ने बस को निशाना बनाया।
दो आतंकी भी मारे गए
जवाबी फायरिंग में दो आतंकी भी मारे गए। हमले के बाद सेना भी घटनास्थल पर पहुंच गई और व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया। मारे गए आतंकियों के पास से दो एके 47 राइफलें, 11 मैगजीन, 6 हैंड ग्रेनेड और कुछ अन्य गोला-बारूद बरामद हुए हैं।
इस महीने सुरक्षा बलों पर आतंकियों का यह चौथा हमला
इस महीने में सुरक्षा बलों पर आतंकियों का यह चौथा हमला है। इससे पहले के तीन हमलों में पांच पुलिस और बीएसएफ के जवान शहीद हो गए थे, जबकि कई अन्य घायल हो गए।
पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख प्रकट किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ सीआरपीएफ कर्मियों की मौत पर दुख प्रकट किया और उनके साहस को सलाम किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं जम्मू कश्मीर में शहीद हुए सीआरपीएफ कर्मियों के साहस को सलाम करता हूं। उन्होंने पूर्ण समर्पण भाव से राष्ट्र की सेवा की। उनकी मौत से गहरा दुख हुआ।’’ उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘मेरी संवेदनाएं आज शहीद हुए लोगों के परिवारों के प्रति हैं। घायल शीघ्र स्वस्थ हो जाएं।’’
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को दिया कड़ा संदेश
जम्मू-कश्मीर के पंपोर में सुरक्षाबलों पर आतंकियों के हमले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने एक पुराने बयान को दोहराते हुए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा सीमा पर डेढ़ साल पहले पांच नागरिकों की हत्या किए जाने के बाद सुरक्षा बलों को स्थायी आदेश दिया था कि हम पहली गोली नहीं दागेंगे, लेकिन अगर पाकिस्तान की ओर से एक भी गोली चलती है, तो हम अपनी गोलियों का हिसाब नहीं रखेंगे।
आतंकियों को पहचानना मुश्किल
सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह किसी सुरक्षा में हुई चूक का नतीजा है। वजह है कैसे सड़क पर रोड ओपनिंग पार्टी के होने के बावजूद आतंकी अपने नापाक हरकत में सफल रहे। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि आतंकी आम आदमी के कपड़ों में होते हैं, जिन्हें पहचान पाना आसान नहीं होता कि आम आदमी के भीड़ में कौन आतंकी है और कौन आम आदमी?
इस बारे में सीआरपीएफ का कहना है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच की जा रही है। उसके बाद ही पक्के तौर पर कुछ कहा जा सकता है। अब इस घटना की बात करें तो तीनों गाड़ियां बस, ट्रक और स्वराज माजदा में आतंकी हमले से निपटने के लिए हथियार बंद जवान तैनात थे। इतना ही सड़क पर हथियारबंद ROP भी तैनात थे। इसी का नतीजा रहा है कि जवानों पर हमला करने वाले आतंकी को सीआरपीएफ के जवानों ने मार गिराया।
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