अमेरिका में वीजा प्रतिबंधों का किसी भारतीय की नौकरी पर कोई खतरा नहीं : सुषमा स्वराज

अमेरिका में वीजा प्रतिबंधों का किसी भारतीय की नौकरी पर कोई खतरा नहीं : सुषमा स्वराज

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सदन को बताया कि अमेरिका के नियमों को भारतीय पर कोई असर नहीं है (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

सरकार ने कहा कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत वीजा प्रतिबंधों के चलते अब तक किसी भारतीय आईटी पेशेवर की नौकरी नहीं गई है क्योंकि वहां इस संबंध में अबतक कोई नीति लागू नहीं हुई है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि भारत इस संबंध में अमेरिका सरकार के साथ बात कर रहा है और चिंताओं तथा परस्पर हितों से उसे अवगत करा दिया गया है.

उन्होंने कहा कि विदेश सचिव और वाणिज्य सचिव ने 28 फरवरी से तीन मार्च,  2017 तक अमेरिका की यात्रा की और नए अमेरिकी प्रशासन के कैबिनेट मंत्रियों तथा वरिष्ठ पदाधिकारियों और वहां के कांग्रेस नेतृत्व के साथ बैठकें कीं.

विदेश मंत्री ने कहा, ‘मैं इस बात से सहमत हूं कि वहां अनिश्चितता का माहौल तथा नौकरी खोने का भय है. हम उनसे सिर्फ बात ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम उन्हें उचित तर्क और आंकड़े भी दे रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि अमेरिका प्रशासन द्वारा अभी तक कोई नीति घोषित नहीं की गई है. वहां वीजा प्रतिबंधों पर कांग्रेस में चार विधेयक आए हैं, लेकिन कोई भी विधेयक पारित नहीं हुआ है और भारत अमेरिकी प्रशासन तथा कांग्रेस सदस्यों से बात कर रहा है.

विदेश मंत्री ने कहा, ‘अब तक किसी भारतीय पेशेवर की नौकरी नहीं गई है और अमेरिका में इस बारे में अब तक कोई नीति नहीं आई है. अमेरिकी कांग्रेस में कुल 13 विधेयक आए हैं. इनमें छह विधेयक आउटसोर्सिंग, चार विधेयक वीजा प्रतिबंध और तीन विधेयक आव्रजन को लेकर हैं.’

उन्होंने कहा कि सांसदों को संतोष होना चाहिए कि सरकार केवल बात ही नहीं कर रही है, बल्कि इस बारे में उचित डाटा तथा तर्क दे रही है कि अमेरिका के साथ भरतीय आईटी कंपनियों के संबंध पारस्परिक लाभकारी हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि भारतीय कंपनियों ने 2011 से लेकर 2015 तक अमेरिका में दो अरब डॉलर तक का निवेश किया है और 20 अरब डॉलर का कर भुगतान किया है. भारतीय आईटी पेशेवरों ने सामाजिक सुरक्षा राशि के रूप में सात अरब डॉलर दिए हैं.

उन्होंने कहा कि इसी तरह अमेरिकी कंपनियां भारत में कारोबार कर रही हैं और 27.5 अरब डॉलर आय अर्जित रही हैं और भारत उन्हें केवल यह बता रहा है कि यह सब पारस्परिक लाभकारी भागीदारी है. यदि आप इसे तोड़ेंगे तो आपको भी नुकसान होगा.

विदेश मंत्री ने कहा कि भारतीय आईटी कंपनियों ने।,56,000 अमेरिकियों को सीधे रोजगार दिया है तथा अमेरिका अपनी अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को मान्यता देता है.

उन्होंने कहा, ‘हम उनसे डाटा तथा तर्क के साथ बात कर रहे हैं और एच-1बी वीजा धारकों की नौकरियां बचाने की कोशिश कर रहे हैं.’ मंत्री ने कहा कि विदेश सचिव और अमेरिकी अधिकारियों के बीच वार्ता में उच्च कौशल पेशेवरों की गतिशीलता सहित भारत-अमेरिका के बीच समान हित के सभी मुद्दे शामिल थे.

(इनपुट भाषा से भी)
 


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