
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
समाजवादी पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने अपने अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से हाल ही में कहा कि वह साल 2017 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करके सत्ता में बरकरार रहने पर ध्यान केंद्रित करें। इन नेताओं ने मुलायम से कहा कि वो जनता परिवार के जरिए राष्ट्रीय स्तर की भूमिका निभाने की योजना को कुछ समय के लिए ठंडे बस्ते में डाल दें।
पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने बिहार चुनाव में महागठबंधन से अलग होने के सपा के फैसले से पहले मुलायम के पास यह संदेश भेजा था। सपा में उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि रामगोपाल यादव और आजम खान का विचार था कि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और बीएसपी को हराने पर पार्टी का ध्यान होना चाहिए।
सूत्रों ने कहा कि दोनों नेता मुलायम को इस बात के लिए मनाने में सफल रहे कि जनता परिवार का हिस्सा बनकर संसद में बड़ी भूमिका निभाने वाली ताकत के तौर पर उभरने की अकांक्षा से फिलहाल पार्टी का हित नहीं सध सकेगा।
सपा को पिछले साल के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा था और उसे महज पांच सीटें मिली थीं। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में उसका सूपड़ा साफ कर दिया था।
माना जाता है कि सपा के इन दोनों वरिष्ठ नेताओं ने मुलायम से कहा कि जनता परिवार ने साथ आने में उम्मीद से ज्यादा का समय लिया और अब सपा प्रमुख को सिर्फ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
सपा के शीर्ष नेताओं की हालिया बैठक में मुलायम ने कहा कि अगर मौजूदा स्थित बनी रही तो पार्टी को चुनावी शिकस्त का सामना करना होगा। मुलायम ने कहा था, मुझे बताया गया है कि अगर अभी विधानसभा चुनाव हुए, तो पार्टी हार जाएगी।
बीते गुरुवार को सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने लखनऊ में ऐलान किया कि उनकी पार्टी महागठबंधन से बाहर निकल रही है, क्योंकि सीटों के बंटवारे को लेकर 'अपमानित' महसूस कर रही है। इसके बाद जेडीयू और आरजेडी, सपा को मनाने में जुटे हुए हैं।
पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने बिहार चुनाव में महागठबंधन से अलग होने के सपा के फैसले से पहले मुलायम के पास यह संदेश भेजा था। सपा में उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि रामगोपाल यादव और आजम खान का विचार था कि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और बीएसपी को हराने पर पार्टी का ध्यान होना चाहिए।
सूत्रों ने कहा कि दोनों नेता मुलायम को इस बात के लिए मनाने में सफल रहे कि जनता परिवार का हिस्सा बनकर संसद में बड़ी भूमिका निभाने वाली ताकत के तौर पर उभरने की अकांक्षा से फिलहाल पार्टी का हित नहीं सध सकेगा।
सपा को पिछले साल के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा था और उसे महज पांच सीटें मिली थीं। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में उसका सूपड़ा साफ कर दिया था।
माना जाता है कि सपा के इन दोनों वरिष्ठ नेताओं ने मुलायम से कहा कि जनता परिवार ने साथ आने में उम्मीद से ज्यादा का समय लिया और अब सपा प्रमुख को सिर्फ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
सपा के शीर्ष नेताओं की हालिया बैठक में मुलायम ने कहा कि अगर मौजूदा स्थित बनी रही तो पार्टी को चुनावी शिकस्त का सामना करना होगा। मुलायम ने कहा था, मुझे बताया गया है कि अगर अभी विधानसभा चुनाव हुए, तो पार्टी हार जाएगी।
बीते गुरुवार को सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने लखनऊ में ऐलान किया कि उनकी पार्टी महागठबंधन से बाहर निकल रही है, क्योंकि सीटों के बंटवारे को लेकर 'अपमानित' महसूस कर रही है। इसके बाद जेडीयू और आरजेडी, सपा को मनाने में जुटे हुए हैं।
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