
कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मध्यस्थता का आग्रह करने से जुड़े अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे को लेकर कांग्रेस ने सोमवार रात मोदी पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि यह देश के साथ विश्वासघात है जिस पर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘भारत ने जम्मू-कश्मीर में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं किया. किसी विदेशी शक्ति से जम्मू-कश्मीर में मध्यस्थता के लिए कहकर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के हितों के साथ बड़ा विश्वासघात किया है.''
अमेरिका बोला- कश्मीर दि्वपक्षीय मुद्दा है, भारत-पाकिस्तान साथ बैठें, मदद के लिए तैयार है US
Reiteration of time tested line on ‘no mediation on Kashmir' is welcome@POTUS remarks relate to a meeting between him & PM Modi, wherein our PM had asked him to mediate
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 23, 2019
Why is PM ‘mum' on what transpired between the two heads of states, more so when it affects our sovereignty? https://t.co/8JzTJbfsYP
उन्होंने कहा कि इस विषय पर प्रधानमंत्री देश को जवाब दें. खबरों के मुताबिक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ट्रम्प ने कहा कि मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी. ट्रम्प ने यह भी कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत हल चाहता है और पाकिस्तान भी. यह मसला 70 साल से चल रहा है. मुझे इसमें मध्यस्थता करने पर खुशी होगी.''
I honestly don't think Trump has the slightest idea of what he's talking about. He has either not been briefed or not understood what Modi was saying or what India's position is on 3rd-party mediation. That said, MEA should clarify that Delhi has never sought his intercession. https://t.co/DxRpNu6vw2
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 22, 2019
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं लगता कि ट्रम्प को इस बात का थोड़ा भी अंदाजा है कि वह किस बारे में बात कर रहे हैं. उन्हें या तो समझाया नहीं गया है या समझ नहीं आया है कि (प्रधानमंत्री) मोदी क्या कह रहे हैं या फिर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता पर भारत की स्थिति क्या है. विदेश मंत्रालय को यह स्पष्ट करना चाहिए कि दिल्ली ने कभी इसकी (तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की) हिमायत नहीं की है.''
डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरा, कहा- यह देश के साथ विश्वासघात...
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को हैरानी जतायी कि भारत सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति को झूठा कहेगी या फिर इस विवाद में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को लेकर भारत ने अपनी स्थिति बदल ली है.
Personally I think @realDonaldTrump is talking out of his hat when he says @PMOIndia asked for US involvement in solving the Kashmir issue but I'd like to see @MEAIndia call Trump out on his claim. https://t.co/JRlH4mehrp
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 22, 2019
अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि डोनाल्ड ट्रम्प चौंकाने वाली बात कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में अमेरिका को शामिल होने का अनुरोध किया है, हालांकि मैं यह देखना चाहता हूं कि क्या ट्रम्प के दावे पर विदेश मंत्रालय उन्हें मदद के लिये कहेगा.''
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि क्या ‘‘ट्विटर फ्रेंडली प्रधानमंत्री'' में साहस है कि वह सार्वजनिक रूप से ऐसा बयान देने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति को जवाब दें.
हालांकि, भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के दावे को खारिज कर दिया है और कहा कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दे का हल द्विपक्षीय बातचीत से ही होगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, ‘हमने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा प्रेस को दिये उस बयान का देखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि भारत और पाकिस्तान अनुरोध करते हैं तो वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया है.'
(इनपुट भाषा से)
Video: कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए तैयार डोनाल्ड ट्रंप
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