''तालाबों में प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश प्रतिमा के विसर्जन की अनुमति नहीं दें''

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी गणेश प्रतिमाओं के हुसैन सागर झील और अन्य जलाशयों में विसर्जन की अनुमति नहीं दें.

''तालाबों में प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश प्रतिमा के विसर्जन की अनुमति नहीं दें''

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

हैदराबाद:

तेलंगाना उच्च न्यायालय (Telangana High Court) ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी गणेश प्रतिमाओं (Ganesha Idol) के हुसैन सागर झील और अन्य जलाशयों में विसर्जन की अनुमति नहीं दें. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम. एस. रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति टी. विनोद कुमार की पीठ ने एक अवमानना याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार को निर्देश दिया कि पीओपी से बनी गणेश प्रतिमाओं को बृहद् हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) द्वारा बनाए गए छोटे तालाबों या अन्य अलग तालाबों में विसर्जन की अनुमति दे जिससे मुख्य जलाशयों का जल प्रदूषित नहीं हो.

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘गैर पीओपी प्रतिमाओं का विसर्जन हुसैन सागर झील के दूसरी ओर जैसे पीवी घाट, सचिवालय मार्ग, संजीवैया पार्क रोड आदि स्थानों पर किया जा सकता है.'' इसके साथ ही अदालत ने अवमानना याचिका को बंद कर दिया.

अदालत ने कहा कि छोटे एवं पर्यावरण हितैषी प्रतिमाओं के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि पर्यावरण पर उनके विपरीत असर से बचा जा सके और बड़ी भीड़ इकट्ठा किए बगैर रिवाजों को साधारण एवं आसान तरीके से किया जाना चाहिए.

इसने कहा कि स्थानीय/शहरी निकाय क्षेत्रों में सीमित संख्या में पंडालों को लाइसेंस एवं अनुमति दी जानी चाहिए.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)