यह ख़बर 10 मार्च, 2014 को प्रकाशित हुई थी

द्रमुक ने राजा और दयानिधि को बनाया उम्मीदवार, अलागिरी का नाम सूची में नहीं

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

आखिरी क्षणों में पलटी मारकर कांग्रेस के लिए दरवाजे बंद करते हुए द्रमुक ने आज तमिलनाडु में 35 और पुडुचेरी की एक लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवारों की सूची का ऐलान कर दिया। पार्टी ने पूर्व संचार मंत्री और 2 जी स्पैक्ट्रम मामले में आरोपी ए राजा को 24 अप्रैल को तमिलनाडु में होने वाले लोकसभा चुनाव में फिर से उम्मीदवार बनाया है, लेकिन साथ ही बागियों को कड़ा संदेश देते हुए पार्टी प्रमुख के बेटे एमके अलागिरी का पत्ता साफ कर दिया है।

ए राजा के अलावा एक और पूर्व संचार मंत्री तथा 2 जी स्पैक्ट्रम मामले में आरोपी दयानिधि मारन को भी पार्टी प्रमुख ने दोबारा उम्मीदवार बनाया है। राजा (नीलगिरि सुरक्षित) और मारन को (मध्य चेन्नई) उन्हीं सीटों से पार्टी टिकट दिया गया है, जिनका वह मौजूदा लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं।

बगावत से कड़ाई के साथ निपटे जाने का कड़ा संदेश देते हुए पार्टी ने पूर्व राज्य मंत्री एसएस पलानीमणिक्कन समेत दस मौजूदा सांसदों को टिकट देने से इनकार कर दिया और टीआर बालू समेत केवल आठ मौजूदा सांसदों को दोबारा मौका दिया गया है।

पुडुचेरी समेत तमिलनाडु के लिए यहां जारी 35 उम्मीदवारों की सूची में द्रमुक ने दस मौजूदा सांसदों को लाइनहाजिर कर दिया है और टी आर बालू समेत केवल आठ मौजूदा सांसदों को उम्मीदवार बनाया गया है। साथ ही द्रमुक ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि वह अपनी पूर्व सहयोगी कांग्रेस के लिए दरवाजे बंद कर चुकी है जिसके साथ उसने श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर पिछले साल मार्च में संबंध समाप्त कर लिए थे।

कुछ समय से ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि भाजपा द्वारा ठोस गठबंधन बनाए जाने की सूरत में द्रमुक कांग्रेस को अपने गठबंधन में वापस ले सकती है।

अलग-थलग पड़ी कांग्रेस के प्रदेश में अकेले ही चुनाव मैदान में उतरने की संभावना दिख रही है, क्योंकि कोई भी द्रविड पार्टी या स्थानीय पार्टी उसके साथ गठबंधन बनाने को आगे बढ़ती नहीं दिख रही है। इस परिदृश्य से 1998 के लोकसभा चुनाव की यादें सताने लगी हैं, जब कांग्रेस ने अकेले 35 सीटों पर चुनाव लड़ा था और वह खाता भी नहीं खोल पाई थी। कांग्रेस ने 2009 में नौ सीटें जीती थीं। उस समय उसने द्रमुक के साथ गठबंधन कर 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था।

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जल्दबाजी में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में करुणानिधि ने सूची जारी करते हुए कहा कि पांच सीटें पार्टी के सहयोगी दलों वीसीके, आईयूएमएल, एमएमके और पीटी को आवंटित की गई हैं। पार्टी ने न केवल मदुरै सीट के सांसद और दक्षिणी क्षेत्र के कद्दावर नेता अलागिरी को टिकट देने से इनकार कर दिया है, बल्कि उनके समर्थकों डी नेपोलियन (पैरांबलूर) और जे के रितिश (रामनाथपुरम) को भी किनारे लगा दिया है। अलागिरी को द्रमुक ने अनुशासनहीनता के आरोपों में पार्टी से निलंबित कर दिया था।