रायपुर:
सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरों के मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार ने एक उच्चस्तरीय बैठक कर सुकमा के अगवा डीएम एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई मामले में आगे की रणनीति तैयार की है। इसके तहत सरकार कुछ ऐसे नक्सलियों को छोड़ने का मन बना सकती है, जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले नहीं हैं। सरकार जेल में बंद कुछ आदिवासियों को छोड़ेने पर भी विचार कर सकती है।
वहीं, डीएम के लिए दवा पहुंचाकर लौटे मनीष कुंजम ने कहा है कि डीएम एलेक्स पॉल मेनन स्वस्थ हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता और आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजम ने सुकमा पहुंचने से पहले रामाराम गांव में संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने कलेक्टर मेनन तक दवा पहुंचा दी है तथा वह स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि उनका काम सिर्फ कलेक्टर तक दवा पहुंचाना था और उन्होंने अपना काम कर दिया है।
कुंजम ने कहा कि चूंकि वह इस मामले में मध्यस्थता नहीं कर रहे हैं, इसलिए यह नहीं बता सकते कि नक्सलियों की आगे की रणनीति क्या होगी। वहीं यदि मध्यस्थ चाहें, तब वह उनसे मिल सकते हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता कुंजम से पूछा गया कि क्या उनके पास कलेक्टर मेनन की पत्नी के लिए कोई संदेश है, तो उन्होंने कहा कि यह जानकारी वह सिर्फ मेनन की पत्नी आशा मेनन को ही देंगे। इसके बाद वह सुकमा रवाना हो गए। उन्होंने बताया कि वह 25 तारीख की रात तक ही सुकमा पहुंचने वाले थे, लेकिन मेसमा गांव में ग्रामीणों ने आग्रह कर उन्हें रोक लिया था, इसलिए वे वहां रुक गए थे।
(इनपुट भाषा से भी)
वहीं, डीएम के लिए दवा पहुंचाकर लौटे मनीष कुंजम ने कहा है कि डीएम एलेक्स पॉल मेनन स्वस्थ हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता और आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजम ने सुकमा पहुंचने से पहले रामाराम गांव में संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने कलेक्टर मेनन तक दवा पहुंचा दी है तथा वह स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि उनका काम सिर्फ कलेक्टर तक दवा पहुंचाना था और उन्होंने अपना काम कर दिया है।
कुंजम ने कहा कि चूंकि वह इस मामले में मध्यस्थता नहीं कर रहे हैं, इसलिए यह नहीं बता सकते कि नक्सलियों की आगे की रणनीति क्या होगी। वहीं यदि मध्यस्थ चाहें, तब वह उनसे मिल सकते हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता कुंजम से पूछा गया कि क्या उनके पास कलेक्टर मेनन की पत्नी के लिए कोई संदेश है, तो उन्होंने कहा कि यह जानकारी वह सिर्फ मेनन की पत्नी आशा मेनन को ही देंगे। इसके बाद वह सुकमा रवाना हो गए। उन्होंने बताया कि वह 25 तारीख की रात तक ही सुकमा पहुंचने वाले थे, लेकिन मेसमा गांव में ग्रामीणों ने आग्रह कर उन्हें रोक लिया था, इसलिए वे वहां रुक गए थे।
(इनपुट भाषा से भी)
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