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This Article is From Feb 21, 2011

डीएम की रिहाई में लग सकता है वक्त : मध्यस्थ

भुवनेश्वर: उड़ीसा में नक्सलियों द्वारा अगवा किए गए जिलाधिकारी और एक जूनियर इंजीनियर को रिहा कराने के लिए मध्यस्थता कर रहे जी हरगोपाल ने कहा है कि दोनों अधिकारियों की रिहाई में अभी और समय लग सकता है, क्योंकि नक्सलियों का एक नेता अभी भी जेल में है। सरकार से बातचीत कर रहे तीन मध्यस्थों में से एक हरगोपाल ने सोमवार को कहा कि नक्सलियों के एक नेता गांती प्रसादम को अभी तक जेल से छोड़ा नहीं गया है, इसलिए बंधक प्रकरण हल होने में समय लग सकता है। उन्होंने कहा, बातचीत कुछ और समय तक जारी रह सकती है। सोमवार को नक्सलियों के साथ दूसरे दौर की बातचीत शुरू होने से कुछ घंटे पहले हरगोपाल ने स्थानीय टेलीविजन चैनल से कहा, गांती प्रसादम को छोड़े जाने के बाद बातचीत की प्रक्रिया तेज हो जाएगी। सूत्रों के मुताबिक राज्य पुलिस ने अदालत से जेल स्थानांतरण वारंट हासिल कर प्रसादम को शनिवार रात आंध्र प्रदेश की एक जेल से लेकर प्रदेश लौटी। सूत्रों के मुताबिक एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रसादम के वकील सोमवार को कोरापुट की अदालत में जमानत याचिका दायर कर सकते हैं। अधिकारी ने बताया कि बातचीत की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकारी वकील इस जमानत याचिका का विरोध नहीं करेंगे। एक विशेषज्ञ के मुताबिक हालांकि यह पूरी तरह से अदालत पर निर्भर करेगा कि वह जमानत देना चाहती है अथवा नहीं। जिलाधिकारी आर विनील कृष्णा की रिहाई को लेकर नक्सलियों ने सरकार को मांगों की एक सूची सौपीं है। नक्सलियों ने सरकार से नक्सल-विरोधी अभियान रोकने, एक शीर्ष नेता की रिहाई, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ हुए समझौतों को रद्द करने तथा पुलिस हिरासत में मारे गए नक्सली समर्थकों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि मलकानगिरी जिले के जिलाधिकारी कृष्णा और एक जूनियर इंजीनियर को नक्सलियों ने 16 फरवरी को अगवा कर लिया था।

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