आयकर विभाग ने अमेरिकी दूतावास के प्रतिष्ठित स्कूल द्वारा कथित कर उल्लंघन की 'सावधानीपूर्वक' जांच शुरू कर दी है। अभी विदेश मंत्रालय स्कूल में काम कर रहे अध्यापकों और उनको मिलने वाले वेतन के ब्यौरे की जांच के संबंध में अपने अधिकारियों के जवाब का इंतजार कर रहा है।
सूत्रों ने बताया कि धर्मार्थ संस्थानों और आयकर छूट के तहत आने वाले अन्य संस्थानों से जुड़े कर संबंधी मुद्दों को देखने वाली आयकर विभाग की छूट शाखा ने 'वित्तीय पहलुओं और भारतीय कर कानूनों के कथित उल्लंघन की चौकस तरीके से जांच' शुरू कर दी है।
सूत्रों ने बताया, 'एक बार प्रारंभिक सूचना मिलने के बाद, कर विभाग संबंधित प्रशासन को नोटिस जारी करने पर विचार करेगा। इसके संबंध में सीबीडीटी को भी सूचित किया जाएगा क्योंकि यह कोई नियमित मामला नहीं है और इसमें दो देशों के संबंध शामिल हैं।'
सरकार के पास उपलब्ध सूचना के अनुसार, अमेरिकन दूतावास स्कूल में कई अध्यापक कर कानूनों और अपने वीजा की स्थिति का उल्लंघन कर 'गैरकानूनी' तरीके से काम कर रहे हैं।
सरकार ने पूर्व में संकेत दिए थे कि ये गंभीर किस्म का उल्लंघन है और वह इस संबंध में कार्रवाई शुरू करेगी।
हालांकि विदेश मंत्रालय अभी इन स्कूलों में सभी अध्यापकों, उनके वीजा और उनके वेतन, बैंक खातों और उनके स्टाफ के भारतीय सदस्यों के बारे में पिछले वर्ष दिसंबर में मांगे गए ब्यौरे की प्रतीक्षा कर रहा है।
भारत ने 1973 में, स्कूल के 16 अध्यापकों को 'कर छूट का दर्जा' दिया था। हालांकि सरकार के पास उपलब्ध सूचना के अनुसार, बहुत से ऐसे अध्यापक हैं जो काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें दर्शाया नहीं गया है।'
हालांकि पिछले माह वाशिंगटन में, अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन साकी ने कथित कर अपवंचना के आरोपों की भारत सरकार की जांच की रिपोर्टों का जवाब दिया था। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि स्कूल 'को दूतावास नहीं चला रहा है और वहां के एक तिहाई छात्र ही अमेरिकी हैं।'
भारत ने अपनी वरिष्ठ राजनयिक और 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी 39 वर्षीय देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी और कपड़े उतरवाकर जांच किए जाने के मामले के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में कई कदम उठाए थे।
इन कदमों के तहत अमेरिकी राजनयिकों को दिए गए कई विशेषाधिकार वापस ले लिए गए और विभिन्न अमेरिकी संस्थानों की गतिविधियों की जांच शुरू कर दी।
अमेरिकी सरकार के स्वामित्व वाली अमेरिकी दूतावास के साथ लगती जमीन पर विशाल भूभाग में फैले इस स्कूल में 1500 छात्र हैं और इनमें से करीब 500 अमेरिका से हैं। बाकी छात्र विभिन्न देशों के हैं और इनमें से कुछ स्थानीय छात्र भी हैं।
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