भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल फाइटर जेट्स की डील (Rafale Fighter Jets Deal) के तहत बुधवार को पहले पांच जेट भारत आ रहे हैं. ये जेट्स हरियाणा के अंबाला के एयरफोर्स स्टेशन पर लैंड करेंगे. अगले महीने इनको भारतीय वायुसेना में शामिल (Induction in AIF) किया जाना है. लेकिन भारतीय एयरफोर्स में जुड़ रही यह शक्ति केंद्र की मोदी सरकार और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच लंबे समय से खींचतान का विषय रही है. आज राफेल जेट के आने पर एक बार फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. दिग्वजिय सिंह ने फिर इस डील की डिटेल्स को लेकर सरकार के सामने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस डील की कीमत अब तो बता देनी चाहिए.
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उन्होंने ट्विटर पर एक साथ कई ट्वीट करते हुए लिखा, 'आख़िर राफेल फाइटर प्लेन आ गया. 126 राफ़ेल ख़रीदने के लिए कोंग्रेस के नेतृत्व में UPA ने 2012 में फैसला लिया था और 18 राफ़ेल को छोड़कर बाकी भारत सरकार की HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) में निर्माण का प्रावधान था. यह भारत में आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था. एक राफ़ेल की क़ीमत 746 करोड़ रुपए तय की गई थी. लेकिन मोदी सरकार आने के बाद फ़्रांस के साथ मोदी जी ने बिना रक्षा और वित्त मंत्रालय व केबिनेट कमेटी की मंज़ूरी के नया समझौता कर लिया और HAL का हक़ मार कर निजी कम्पनी को देने का समझौता कर लिया. राष्ट्रीय सुरक्षा को अनदेखी कर 126 राफ़ेल ख़रीदने के बजाय केवल 36 ख़रीदने का निर्णय ले लिया.
आख़िर राफ़ेल fighter plane आ गया। १२६ राफ़ेल ख़रीदने के लिए कोंग्रेस के नेतृत्व में UPA ने २०१२ में फैंसला लिया था और १८ राफ़ेल को छोड़कर कर बाकि भारत सरकार की HAL में निर्माण का प्रावधान था। यह भारत में आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था। एक राफ़ेल की क़ीमत ₹७४६ करोड़ तय की गई थी
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 29, 2020
मोदी सरकार आने के बाद फ़्रांस के साथ मोदी जी ने बिना रक्षा व वित्त मंत्रालय व केबिनेट कमेटी की मंज़ूरी के नया समझौता कर लिया और HAL का हक़ मार कर निजी कम्पनी को देने का समझौता कर लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा को अनदेखी कर १२६ राफ़ेल ख़रीदने के बजाय केवल ३६ ख़रीदने का निर्णय ले लिया।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 29, 2020
उन्होंने लिखा, 'एक राफ़ेल की क़ीमत कांग्रेस सरकार ने 746 करोड़ रुपए तय की थी लेकिन 'चौकीदार' महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मांग करने के बावजूद आज तक एक राफ़ेल कितने में ख़रीदा है, बताने से बच रहे हैं. क्यों? क्योंकि चौकीदार जी की चोरी उजागर हो जाएगी!! 'चौकीदार' जी अब तो उसकी क़ीमत बता दें!!'
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कांग्रेस नेता ने एक दूसरे ट्वीट में लिखा, 'राष्ट्रीय सुऱक्षा का आकलन करते हुए रक्षा मंत्रालय ने 126 राफ़ेल ख़रीदने की सिफ़ारिश की थी जो UPA ने स्वीकार कर सहमति दी. अब मोदी जी ने 126 के बजाय 36 राफेल ख़रीदने का फ़ैसला क्यों लिया? यह पूछने पर भी कोई जवाब नहीं. क्या मोदी जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया?
राष्ट्रीय सुऱक्षा का आँकलन करते हुए रक्षा मंत्रालय ने १२६ राफ़ेल ख़रीदने की सिफ़ारिश की थी जो UPA ने स्वीकार कर सहमति दी। अब मोदी जी ने १२६ के बजाय ३६ राफेल ख़रीदने का फ़ैसला क्यों लिया? यह पूछने पर भी कोई जवाब नहीं। क्या मोदी जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 29, 2020
उन्होंने कहा, 'यदि हम इन प्रश्नों का उत्तर मांगते हैं तो मोदी जी की ट्रोल आर्मी और उनकी 'कठपुतली' मीडिया एंकर हमें राष्ट्रद्रोही बताते हैं!! क्या प्रजातंत्रीय व्यवस्था में विपक्ष को प्रश्न पूछने का अधिकार नहीं है?'
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