भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे के साथ अमानवीय व्यवहार पर रोष के बीच संसदीय मंत्री कमलनाथ ने आज कहा कि अमेरिका द्वारा महज ‘औपचारिकता के लिए’ खेद जताना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसे ‘स्पष्ट शब्दों’ में अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, महज औपचारिकता की खातिर खेद जताना पर्याप्त नहीं है। उन्हें स्पष्ट शब्दों में माफी मांगनी चाहिए और अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए। कमलनाथ ने कहा कि इस घटना से सभी देशों को सबक सीखना चाहिए और जब भी ऐसी कोई चीज हो तो उन्हें ‘अपनी आवाज उठानी चाहिए।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कल कहा था कि अमेरिका में भारतीय राजनयिक के साथ जिस तरह का सलूक किया गया, वह ‘निन्दनीय’ है। इसे लेकर जोरदार मांग उठ रही है कि देवयानी को बिना शर्त रिहा किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ सभी आरोप वापस लिए जाने चाहिए।
देवयानी के साथ अमानवीय व्यवहार पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और सभी हवाईअड्डा पास वापस लेने तथा आयात मंजूरी रोके जाने सहित अमेरिकी राजनयिकों और उनके परिवारों को मिले विशेष अधिकारों को कम करने के लिए कई कदम उठाए थे।
1999 बैच की 39 वर्षीय आईएफएस अधिकारी देवयानी को पिछले हफ्ते वीजा फर्जीवाड़े के आरोपों में अमेरिका में एक सड़क से उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने गई थीं। उन्हें हथकड़ी लगा दी गई थी। अदालत में उनके द्वारा खुद को निर्दोष बताए जाने के बाद उन्हें 2,50,000 डॉलर के मुचलके पर रिहा किया गया था।
देवयानी को पूर्ण राजनयिक अधिकार प्रदान करने के लिए भारत ने अब उनका तबादला संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन में कर दिया है।
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