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This Article is From Nov 13, 2019

राज्य में राष्ट्रपति शासन दुर्भाग्यपूर्ण, जल्द बनेगी स्थिर सरकार: देवेंद्र फडणवीस

देवेंद्र फडणवीस ने राज्य को जल्द स्थिर सरकार मिलने की आशा जताई. देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में राजनीतिक अस्थिरता से होने वाले खतरों की तरफ आगाह किया. उन्होंने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता से निवेश पर बुरा असर पड़ सकता है.

राज्य में राष्ट्रपति शासन दुर्भाग्यपूर्ण, जल्द बनेगी स्थिर सरकार: देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री (BJP) और भाजपा विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि जनता ने महायुति (महागठबंधन) के पक्ष में स्पष्ट जनादेश दिया था, मगर सरकार न बनने के कारण राष्ट्रपति शासन लगा, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. हालांकि फडणवीस ने राज्य को जल्द स्थिर सरकार मिलने की आशा जताई. देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में राजनीतिक अस्थिरता से होने वाले खतरों की तरफ आगाह किया. उन्होंने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता से निवेश पर बुरा असर पड़ सकता है. सरकार के दैनिक कामकाज पर असर पड़ने से जनता को परेशानी हो सकती है. बेमौसम बारिश से परेशान किसानों के सामने संकट और गहरा सकता है. इसके साथ ही फडणवीस ने यह भी कहा कि उम्मीद है कि राज्य के हालात पर सभी दल विचार करते हुए स्थिर देने की दिशा में आगे बढ़ेंगे.

सरकार बनाने के लिए उधेड़बुन में फंसी रही Congress-NCP, राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाने का किया ऐलान

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election) मे बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं. बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर बहुमत का 145 का आंकड़ा पार कर लिया था. लेकिन शिवसेना (Shiv Sena) ने 50-50 फॉर्मूले की मांग रख दी जिसके मुताबिक ढाई-ढाई साल की सरकार चलाने का मॉडल था. शिवसेना का कहना है कि बीजेपी के साथ समझौता इसी फॉर्मूले पर हुआ था, लेकिन बीजेपी का दावा है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ. इसी को लेकर मतभेद इतना बढ़ा कि दोनों पार्टियों की 30 साल पुरानी दोस्ती टूट गई.

राज्यपाल की सिफारिश को हरी झंडी, महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन 

वहीं सबसे बड़ी पार्टी होने के चलते राज्यपाल ने पहले भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता दिया था, लेकिन पर्याप्त संख्याबल न होने के कारण उसने सरकार बनाने से इंकार कर दिया. इसके बाद राज्यपाल ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी  शिवसेना को सरकार बनाने का न्यौता दिया. शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस से बातचीत करके सरकार बनाने की कोशिश की, लेकिन दिए गए समय में वह भी समर्थन जुटाने में नाकाम रही. शिवसेना को दिए समय के खत्म होने के बाद राज्यपाल ने एनसीपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया. एनसीपी इससे पहले कि समर्थन जुटा पाती उससे पहले राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी और महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग गया.  

VIDEO: महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन, राज्यपाल की सिफारिश को राष्ट्रपति की मंजूरी

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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