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This Article is From Jul 24, 2019

POSCO संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान डेरेक ओ ब्रायन ने सुनाई आपबीती, कहा- मेरे साथ भी हुआ था यौन उत्पीड़न

राज्यसभा ने बुधवार को पोक्सो संशोधन विधेयक पारित कर दिया जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी को परिभाषित करते हुए बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में मृत्यु दंड का भी प्रावधान किया गया है.

POSCO संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान डेरेक ओ ब्रायन ने सुनाई आपबीती, कहा- मेरे साथ भी हुआ था यौन उत्पीड़न
नई दिल्ली:

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन (Derek O'Brien) ने बुधवार को राज्यसभा में पोस्को एक्ट (POSCO) में संशोधन पर हो रही बहस के दौरान अपने साथ हुआ एक डरावना अनुभव साझा किया है. उन्होंने कहा कि जब वह 13 साल के थे तब उनके साथ भी यौन शोषण किया गया था. ब्रायन ने कहा कि वह भारी मन से लेकिन गर्व से यह बताना चाहते हैं कि जब वह 13 साल के थे तब कोलकाता में भीड़ भरी एक बस में वह यौन दुर्व्यवहार के शिकार हुये. उन्होंने कहा कि यह घटना उस समय की है जब वह टेनिस की प्रेक्टिस करके बस से घर वापस लौट रहे थे और उस दौरान उन्होंने टीशर्ट एवं हाफ पेंट पहनी हुयी थी. बस में सवार किसी अनजान व्यक्ति ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. 

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ब्रायन ने बताया कि इस घटना के बारे में वह कई सालों तक चुप्पी साधे रहे लेकिन बाद में उन्होंने इससे अपने माता पिता को अवगत कराया.  सदन में कई अन्य सदस्यों ने भी बच्चों को अच्छे और बुरे मकसद से स्पर्श करने (गुड टच एवं बेड टच) के बारे में जागरुक करने की जरूरत पर बल दिया. 

ब्रायन ने कहा कि समाज में अब पुरुषों को भी इस तरह की घटनाओं का उल्लेख करने में संकोच नहीं करना चाहिए.  उन्होंने कहा कि बच्चों को भी इस तरह अनुभव छुपाने के बजाय इस बारे में खुल कर बात करने के लिये प्रात्साहित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस विधेयक में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को परिभाषित किया गया है ताकि ऐसे अपराधों को रोकने में मदद मिल सके. उन्होंने बच्चों के यौन उत्पीड़न के लिए पोस्को संशोधन विधेयक में मौत की सजा को शामिल करने के प्रस्ताव का समर्थन किया है. वहीं  ब्रायन  के इस अनुभव पर खुलकर सबके सामने रखने के लिए महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने उनकी हिम्मत की प्रशंसा की.  

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उच्च सदन में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराध और बलात्कार के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए केन्द्र सरकार ने 1023 विशेष फास्ट ट्रैक अदालतें गठित करने को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि अभी तक 18 राज्यों ने ऐसी अदालतों की स्थापना के लिए सहमति जतायी है. महिला एवं बाल विकास मंत्री के जवाब के बाद उच्च सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया. इससे पहले ईरानी ने कहा कि 1023 विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन के लिए कुल 767 करोड़ रूपये का खर्च किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसमें से केन्द्र 474 करोड़ रूपये का योगदान देगा. ईरानी ने कहा कि सरकार अपनी विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से इस बात को प्रोत्साहन दे रही है कि बच्चे अपने विरूद्ध होने वाले यौन अपराधों के बारे में निडर होकर शिकायत कर सकें और अपने अभिभावकों को बता सकें. उन्होंने कहा कि प्राय: देखने में आता है कि बच्चियों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों की शिकायत तो की जाती है किंतु लड़कों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों में शिकायत नहीं की जाती. 

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स्मृति ईरानी ने कहा कि मौजूदा विधेयक में बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के मामलों में 20 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा और दुर्लभतम मामलों में मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है. ईरानी ने कहा कि उन्होंने बच्चों के खिलाफ अपराध के लंबित मामलों में उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार के साथ बैठक की थी. उन्होंने कहा कि इमसें सभी राज्यों से सीनियर नोडल पुलिस अधिकारी नियुक्त करने को कहा गया था. सभी राज्यों में ऐसे अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि मूल कानून के अनुसार, बाल यौन अपराधों की प्राथमिकी दर्ज होने के दो माह के भीतर जांच पूरी करने और एक वर्ष के भीतर मुकदमा पूरा करने का प्रावधान है.ईरानी ने कहा कि सरकार ने यौन अपराधों का एक राष्ट्रीय डाटा बेस तैयार किया है. ऐसे 6,20,000 अपराधी हैं. यदि कोई ऐसे व्यक्तियों को रोजगार पर रखता है तो संबंधित व्यक्ति के बारे में इससे जानकारी लेने में मदद मिलेगी. ( इनपुट-भाषा)

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