यह ख़बर 26 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

जमीन सौदों के मामले में रॉबर्ट वाड्रा को मिली क्लीन चिट

खास बातें

  • हरियाणा के जिन चार जिलों में रॉबर्ट वाड्रा के जमीन सौदों की जांच के आदेश अशोक खेमका ने दिए थे, वहां के डिप्टी कमिश्नरों ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया है।
नई दिल्ली:

हरियाणा के जिन चार जिलों में कांग्रेस पार्टी तथा केंद्र में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनियों द्वारा किए गए लगभग 200 एकड़ जमीन के सौदों की जांच के आदेश पूर्व चकबंदी महानिदेशक अशोक खेमका ने दिए थे, वहां के डिप्टी कमिश्नरों (उपायुक्तों) ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार करते हुए वाड्रा को क्लीन चिट दे दी है।

इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन को भेजी अपनी रिपोर्ट में गुड़गांव, फरीदाबाद, मेवात और पलवल के डिप्टी कमिश्नरों ने कहा है कि जमीनों की खरीद में कोई अनियमितता नहीं बरती गई, जमीन सौदों की रजिस्ट्री सरकारी सर्किल रेट के मुताबिक हुई, और इन सभी सौदों में स्टाम्प ड्यूटी का पूरा भुगतान किया गया है, इसलिए इनमें राजस्व की कोई हानि नहीं हुई।

मेवात के डिप्टी कमिश्नर वजीर सिंह गोयत की रिपोर्ट के अनुसार शिकारपुरी गांव में वाड्रा ने जो 29 एकड़ जमीन खरीदी, उसकी छह रजिस्ट्रियों में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है।

पलवल के डिप्टी कमिश्नर विजय दहिया की रिपोर्ट के मुताबिक हसनपुर गांव में खरीदी गई 74 एकड़ जमीन की कीमत कम नहीं आंकी गई और स्टाम्प ड्यूटी भी सर्किल रेट के हिसाब से ही चुकाई गई है।

गुड़गांव के डिप्टी कमिश्नर पीसी मीणा के अनुसार शिकोहपुर गांव में वाड्रा और डीएलएफ के बीच हुए 47 एकड़ जमीन के सौदे में भी कोई खामी नहीं पाई गई है।

फरीदाबाद के डिप्टी कमिश्नर बलराज सिंह की रिपोर्ट में कहा गया है कि वाड्रा से जुड़ी 52 एकड़ जमीन की जो 11 रजिस्ट्रियां हुई हैं, उनमें जमीन की कम कीमत आंके जाने जैसी कोई बात नहीं पाई गई है।

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कहा जा रहा है कि डिप्टी कमिश्नरों की इन अनुकूल रिपोर्टों के बाद उस जांच कमेटी का काम काफी आसान हो जाएगा, जो अशोक खेमका के आदेशों की जांच के लिए गठित की गई थी। उल्लेखनीय है कि खेमका ने तबादले के बाद नया पदभार ग्रहण करने से पहले ही रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट की ओर से डीएलएफ को बेची गई साढ़े तीन एकड़ जमीन का दाखिल-खारिज रद्द करने के साथ-साथ मेवात, पलवल, फरीदाबाद व गुड़गांव के डिप्टी कमिश्नरों द्वारा वाड्रा की ओर से खरीदी गई सभी जमीनों की जांच कराने के आदेश दिए थे। अब खेमका के इन आदेशों की जांच एक तीन-सदस्यीय कमेटी कर रही है।