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This Article is From Dec 18, 2012

संसद में गूंजा गैंगरेप मामला, बीजेपी ने की फांसी की सजा की मांग

नई दिल्ली: लोकसभा और राज्यसभा में आज सत्तापक्ष सहित सभी दलों ने राष्ट्रीय राजधानी में एक युवती के साथ चलती बस में बलात्कार की घटना की कड़ी भर्त्सना करते हुए महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता जताई। सदस्यों ने ऐसे मामलों से निपटने के लिए बलात्कारियों को मृत्युदंड देने सहित तमाम सुझाव दिए।

सदन में शून्यकाल के दौरान विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश की राजधानी में हुई इस घटना की किन शब्दों में निंदा की जाये इसके लिए कोई शब्द बचता नहीं है।

उन्होंने कहा कि गृह मंत्री सदन में आये और बयान दें और साथ ही सरकार बताये कि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृति न हो इसके लिए क्या कर रही है।

कांग्रेस की गिरिजा व्यास ने देश में बलात्कार की घटनाओं पर चिंता जताते हुए इस विषय को गंभीरता से लिये जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कानून को सख्त बनाने और फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना करने के साथ साथ पुलिस प्रशिक्षण और जागरूकता बढाने पर जोर दिया।

लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा, जो घटना कल हुई है वह रोंगटे खड़ी कर देने वाली है ... समाज के लिए शर्म से सिर झुका लेने वाली घटना है। सदन की भावना है कि सख्त से सख्त कदम उठाये जायें और इस मामले में कोई और विलंब न न हो।’ संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने सदन की भावना से अपने को जोड़ते हुए कहा कि सख्त कदम उठाये जायेंगे, इसमें कोई कमी नहीं रहेगी।

सुषमा ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है और यहां कानून व्यवस्था राज्य सरकार नहीं बल्कि केन्द्र सरकार के तहत है। कहा जाता है कि यह शहर महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित है। उन्होंने कहा कि यहां की मुख्यमंत्री यह सलाह देती हैं कि रात को लड़कियां अकेले न निकलें। हालांकि यह घटना तो देर रात की नहीं बल्कि साढ़े नौ बजे की है और वह भी पीड़िता अकेले नहीं थी बल्कि उसके साथ एक पुरुष मित्र भी था। उन्होंने बलात्कार के दोषियों को फांसी की सजा की वकालत की।

भाजपा की माया सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पैरामेडिकल की छात्रा के साथ चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया जाना बेहद शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि इस हादसे के बाद पीड़ित महिला सफदरजंग अस्पताल में वेंटिलेटर पर जिन्दगी की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने सवाल किया कि गृहमंत्री सुशील कुमार शिन्दे या दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित में से कौन इस मामले की जिम्मेदारी लेगा?

उन्होंने वकीलों से अपील की कि इस मामले के दोषियों के खिलाफ कोई भी पैरवी न करें। माकपा के प्रशांत चटर्जी ने इसे कल्पना से परे एवं बर्बर घटना करार देते हुए कहा कि गृहमंत्री को फौरन जवाब देना चाहिए कि वह राजधानी में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कौन से प्रभावी कदम उठा रहे हैं।

भाजपा के एम वेंकैया नायडू ने पिछले तीन साल से दिल्ली में बलात्कार एवं महिलाओं के उत्पीड़न की लगातार बढ़ती घटनाओं के बढ़ते आंकड़े देते हुए कहा कि इन सबको देखकर मन में यह सवाल उठता है कि क्या राजधानी में शासन या कोई व्यवस्था रह गई है।

उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाकर नहीं बल्कि सरकार की राजनीतिक इच्छा शक्ति से होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं हम सबकी सामूहिक विफलता को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि इस महिला के साथ जो भयानक त्रासदी गुजरी है उसकी भरपाई धन या किसी अन्य जरिये से नहीं की जा सकती। रेणुका ने सुझाव दिया कि सारी महिला सांसदों को दिल्ली पुलिस के आयुक्त एवं दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से मिलकर एक ऐसी कार्ययोजना बनाने का सुझाव देना चाहिए, जिससे राजधानी में महिलाओं को सुरक्षा मिल सके।

बसपा प्रमुख मायावती ने महिलाओं के खिलाफ जुल्म और ज्यादतियों का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि गृहमंत्री को न केवल इसके दोषियों बल्कि कार्रवाई में उपयुक्त कदम उठा पाने में विफल रहे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कड़े कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि बलात्कार के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का पर्याप्त प्रचार भी किया जाना चाहिए, जिससे अन्य लोग इस तरह का दुस्साहस न कर सकें। उन्होंने इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए कानून में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

सपा की जया बच्चन ने कहा कि वह समाज में आए दिन होने वाली इस तरह की घटनाओं से बेहद आहत महसूस करती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे मामलों में पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जतानी चाहिए और गृह मंत्री को स्वयं वहां जा कर व्यक्तिगत रूप से आश्वासन देना चाहिए।

जया ने कहा कि ऐसे मामलों में वह खुद को एक सांसद के रूप में बेहद असहाय महसूस करती हैं क्योंकि वह पीड़ितों को पर्याप्त मदद मुहैया नहीं करा पातीं। उन्होंने बलात्कार के अपराध पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) लागू करने की मांग की। कांग्रेस की प्रभा ठाकुर ने कहा कि क्या हमारा कानून इतना लूला लंगड़ा हो गया है और क्या पुलिस प्रशासन इतना अपाहिज हो गया है कि वह समाज में मां बहनों को सुरक्षा मुहैया नहीं करा पा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं के मूल में यह बात है कि अपराधियों के मन में कानून का कोई खौफ नहीं है।

शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से पूरा देश शर्मसार होता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली ही नहीं, मुंबई सहित देश के अन्य बड़े शहरों में भी इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने इस तरह की घटनाओं में दोषी पाए जाने वाले लोगों को फांसी दिए जाने की मांग की।

भाजपा के राम जेठमलानी ने कहा कि इस तरह की घटनाओं के बढ़ने से यह बात बिल्कुल स्पष्ट हो गई है कि हमारी जांच एजेंसियां पूरी तरह से ‘नपुंसक’ हो गई हैं। उन्होंने कहा कि हमारे गृह मंत्री एक कुशल व्यक्ति हैं और हमें उनकी क्षमताओं पर कोई संदेह नहीं है। लेकिन दिल्ली पुलिस प्रमुख से कहा जाए कि वह पद छोड़ दें और अगर वह पद नहीं छोड़ते हैं तो उन्हें इस पद से हटा दिया जाए।

माकपा की टी एन सीमा ने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बसों में सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतें बनाई जाएं जिनमें महिला न्यायाधीश हों।

भाजपा की स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा कि दिल्ली में दरिंदों को कानून का खौफ नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस को गश्त बढ़ानी चाहिए। साथ ही महिलाकर्मियों की ज्यादा भर्ती करनी चाहिए और हर माह महिला संगठनों के साथ बातचीत करके ऐसे मामलों की जांच में उनकी राय ली जानी चाहिए। कांग्रेस की विजय लक्ष्मी साधौ और तेदेपा की गुंडू सुधारानी ने भी ऐसी घटनाओं की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि ऐसे मामलों की समयबद्ध सुनवाई होनी चाहिए।

मनोनीत सदस्य अशोक गांगुली ने इस समस्या को ‘राष्ट्रीय महामारी’ करार देते हुए कहा कि दुनिया भर में सरकारों और पुलिस के पास इसका कोई समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को राष्ट्रीय महिला संरक्षण आयोग गठित करना चाहिए।

जदयू के शिवानंद तिवारी ने इस स्थिति के लिए उपभोक्ता संस्कृति और फिल्मों के आइटम सॉन्ग को भी जिम्मेदार ठहराया वहीं कांग्रेस की मोहसिना किदवई ने कहा कि बच्चों को सही संस्कार दिए जाने चाहिए। किदवई ने बलात्कार के मामलों में मृत्युदंड के प्रावधान का सुझाव दिया।

अकाली दल के बलविंदर सिंह भुंडर ने बलात्कार के मामलों में आजीवन कारावास सुनाने और दोषी को एक भी बार जमानत नहीं दिए जाने का सुझाव दिया।

भाकपा के डी राजा, अगप के वीरेंद्र प्रसाद वैश्य, द्रमुक के तिरूचि शिवा, भाजपा के अविनाश राय खन्ना और राजद के रामकृपाल यादव ने भी ऐसी घटनाओं की कठोर शब्दों में भर्त्सना की।

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