प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
दिल्ली में कोयले से बिजली पैदा करने वाले राजघाट प्लांट को कचरा प्रबंधन प्लांट में तब्दील करने पर विचार किया जा रहा है. तीनों एमसीडी ने इस पर सहमति जताई है. इस पर आगे विचार किया जाएगा. दरअसल, दिल्ली में लगभग 10 हज़ार टन कूड़ा रोज़ निकलता है.
दिल्ली में 1,000 टन प्रतिदिन गोबर निकलता है. उसे भी प्रोसेस करने की जरुरत है, ताकि वो नालियों में न जाए. 600 टन गार भी प्रोसेस होने की जरुरत है.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बताया कि कमेटी कमिटी ने निश्चय किया है कि गाजीपुर, सरिता विहार भलस्वा का दौरा किया जाएगा, ताकि दिल्ली में निर्माण से जुड़े जो भी रास्ते हैं, उसे प्रोसेस किया जा सके.
NHAI ने भी कुछ वेस्ट को लेकर सड़क निर्माण की बात कही है. एमसीडी से कूड़ा लेकर एक प्लांट को बिजली बनाने का काम दिया जाएगा, जिसे दिल्ली सरकार खरीदेगी.
दिल्ली में 1,000 टन प्रतिदिन गोबर निकलता है. उसे भी प्रोसेस करने की जरुरत है, ताकि वो नालियों में न जाए. 600 टन गार भी प्रोसेस होने की जरुरत है.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बताया कि कमेटी कमिटी ने निश्चय किया है कि गाजीपुर, सरिता विहार भलस्वा का दौरा किया जाएगा, ताकि दिल्ली में निर्माण से जुड़े जो भी रास्ते हैं, उसे प्रोसेस किया जा सके.
NHAI ने भी कुछ वेस्ट को लेकर सड़क निर्माण की बात कही है. एमसीडी से कूड़ा लेकर एक प्लांट को बिजली बनाने का काम दिया जाएगा, जिसे दिल्ली सरकार खरीदेगी.
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