जामिया यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर ने कहा कि छात्र की मौत की खबर पूरी तरह गलत है.
नई दिल्ली:
नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया विश्वविद्यालय और आसपास इलाके में हुई हिंसा और आगजनी पर दिल्ली पुलिस ने दो केस दर्ज किए हैं. दक्षिण-पूर्व दिल्ली के डीसीपी चिन्मॉव बिस्वाल ने कहा है कि पुलिस की ओर से आगजनी की खबरें बिलकुल झूठी हैं. पुलिस ने आग बुझान की कोशिश की है. इसके साथ ही उन्होंने जामिया के छात्रों से अपील करते हुए कहा कि उनके विरोध प्रदर्शन में जब असमाजिक तत्व घुसते हैं तो उनकी विश्वविद्यालय की छवि को नुकसान पहुंचता है. विरोध प्रदर्शन शांत और अनुशाषित होना चाहिए. इसके साथ ही दिल्ली पुलिस की ओर से पूरी घटना को लेकर एक बयान जारी किया गया है जिसमें कई दावे किए गए हैं.
Delhi पुलिस की ओर से 7 बड़े दावे
- अफवाहों के चलते हिंसा को बल मिला. व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया पर ज्यादातर गलत मैसेज डाले गए. अफवाह फैलाने वालों की पहचान की जा रही है.
- दिल्ली पुलिस के हाथ अनेक अहम सबूत लगे इन सबूतों को जल्दी सामने लाया जाएगा.
- 8 से 10 पोस्ट ऐसे डाले गए जिनसे हालात और ज्यादा खराब होते चले गए.
- जिस बस में आग लगाने की बात कही गई उस बस में भी आग नहीं लगी है.
- हिंसा के दौरान छात्रों के मरने की खबर भी अफवाह के तौर पर फैलाई गई जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ था.
- जिन लोगों ने यह गलत पोस्ट सोशल मीडिया के जरिए डाले हैं उन लोगों की भी पहचान का काम जारी है.
- जैसी इनमें से कुछ की पहचान कर ली जाएगी और उनके खिलाफ अलग से मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है.