जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि दंगा करने और सम्पति को नुकसान पहुंचाने के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) देवेंद्र आर्य ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा, ‘ हमने अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.' उन्होंने कहा कि मामले की सीसीटीवी फुटेज और सोशल मीडिया मंच पर मौजूद सामग्री की भी जांच की जाएगी. आर्य ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए परिसर के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि हिंसा में शामिल हमलावरों को पहचानने के लिए सोशल मीडिया पर वायरल स्क्रीनशॉट्स और सीसीटीवी फुटेज खंगाली जाएंगी.
बता दें, जेएनयू परिसर में रविवार रात उस वक्त हिंसा भड़क गयी थी, जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था, जिसके बाद प्रशासन ने पुलिस को बुलाया. इस हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित कम से कम 28 लोग घायल हुए हैं.
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दिल्ली पुलिस ने बताया कि मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है. इस मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है. साथ ही पुलिस ने बताया कि हमें दोनों तरफ से शिकायतें मिली हैं और हम इसकी जांच क रहे हैं. हमने एफआईआर दर्ज कर ली है और कुछ लोगों की पहचान भी की गई है.
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वहीं विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की और उन्हें परिसर की मौजूदा स्थिति के बारे में बताया. जेएनयू के रजिस्टार और प्रॉक्टर वीसी ने विश्वविद्यालय की मौजूदा स्थिति की जानकारी देने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल से मुलाकात की. अन्य एक अधिकारी ने बताया कि एम्स के ट्रामा सेंटर और सफदरजंग में भर्ती 35 छात्रों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
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