यह ख़बर 26 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

शीला दीक्षित के आरोपों के खंडन में दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को खत लिखा

खास बातें

  • सामूहिक बलात्कार की शिकार लड़की का बयान दर्ज करने में पुलिस हस्तक्षेप के संबंध में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की ओर से हमले झेल रहे दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर आरोपों का खंडन किया है।
नई दि्ल्ली:

सामूहिक बलात्कार की शिकार लड़की का बयान दर्ज करने में पुलिस हस्तक्षेप के संबंध में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की ओर से हमले झेल रहे दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर आरोपों का खंडन किया है।

अपने पत्र में नीरज कुमार ने बलात्कार पीड़ित का बयान दर्ज करने वाली एसडीएम पर पुलिस की ओर से अपने प्रश्न थोपे जाने और पूरी प्रक्रिया का वीडियोग्राफी कराने से इनकार करने के आरोपों का खंडन किया है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस ने कहा था कि लड़की का बयान दर्ज कर लिया जाए, क्योंकि हर गुजरते दिन के साथ उसकी हालत खराब हो रही है।

कुमार ने कहा कि जांच पुलिस का काम था और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए वह बेहतर काम कर रही है। इससे पहले मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को पत्र लिखकर कहा था कि उपायुक्त (पूर्वी) बीएम मिश्र ने उन्हें बताया है कि एसडीएम उषा चतुर्वेदी का कहना है कि पीड़ित का बयान दर्ज करते वक्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया।

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इस बीच, गृहमंत्रालय ने कहा कि उसने इस विवाद पर तुरंत समुचित कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। अधिकारी ने ज्यादा विस्तार से जानकारी दिए बिना कहा, गृह मंत्रालय को दिल्ली की मुख्यमंत्री का शिकायत पत्र भी मिला है और पुलिस आयुक्त की ओर से आरोपों का खंडन करने वाला पत्र भी प्राप्त हुआ है। मंत्रालय ने दोनों पत्रों का आशय समझ लिया है और तुरंत समुचित कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।