Coronavirus Pandemic: कोरोना वायरस की महामारी के चलते पूरे देश में इस समय लॉकडाउन (Lockdown) जारी है. इसके बावजूद कोरोना वायरस के केस की संख्या लगातार बढ़ रही है और 31 हजार के पार जा पहुंची है. कोरोना वायरस की महामारी के कारण जिन लोगों की मौत हो रही है उनके अंतिम संस्कार में भी परेशानियां कम नहीं आ रहीं. हालत यह है कि कुछ मौकों पर दाह संस्कार के लिए चार कंधे भी आसानी से नहीं मिल रहे हैं और NGO के जरिए अंतिम संस्कार हो पा रहा है. दरअसल, कोरोना वायरस का खौफ इतना है कि कई जगहों पर मरने वालों के नजदीकी रिश्तेदार यहां तक की बेटा-बेटी भी अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आ रहे. लॉक डाउन के चलते स्वाभाविक मौतों की स्थिति में भी कोई शव के नजदीक जाने को तैयार नहीं है.
ऐसा ही एक वाकया पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके में सामने आया. यहां एक ग़रीब परिवार की वृद्ध महिला की लंबी बीमारी के बाद मंगलवार देर शाम मौत हो गई. बेटी और बेटे ने पड़ोसियों से मदद की गुहार लगाई लेकिन जब कोई शव के नजदीक नहीं गया तो फिर वृद्धा के परिवार वालों ने नर सेवा नारायण सेवा मित्र मंडल से संपर्क साधा. 65 वर्षीय ईश्वरी देवी अपने बेटे और बेटी के साथ कृष्णा नगर क्षेत्र के साउथ अनारकली एक्सटेंशन कॉलोनी में रहती थीं. वृद्ध महिला के पति की मौत हो चुकी है और उसकी दो बेटी और एक बेटा है. कोरोना वायरस के चलते कोई उनके अंतिम संस्कार में मदद के लिए आगे नहीं आ रहा था. ऐसे में ईश्वरी देवी के बेटे राजू ने नर सेवा नारायण सेवा मित्र मंडल से संपर्क किया.
जानकारी मिलने पर नर सेवा नारायण सेवा मित्र मंडल के अध्यक्ष आचार्य संजय शर्मा ने अन्य दो सदस्यों के साथ मिलकर मृतक की अंतिम यात्रा में अर्थी को कंधा देकर मानवता का धर्म निभाया. नर सेवा नारायण सेवा मित्र मंडल के इस कार्य की चारों ओर सराहना हो रही है.
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