दिल्ली-एनसीआऱ (Delhi-NCR Air pollution ) में अभी सर्दियों की आहट भले ही न शुरू हुई हो, लेकिन प्रदूषण अपना असर दिखाने लगा है. दिल्ली, यूपी औऱ हरियाणा (Delhi, UP Haryana) के कई शहरों में सोमवार 11 अक्टूबर को सुबह के वक्त भी प्रदूषण गंभीर स्तर पर आंका गया. दिल्ली में आनंदविहार (Delhi Pollution level) में प्रदूषण खराब स्थिति में है. जबकि यूपी में गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में देश के 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में रहे. राजस्थान के भिवाड़ी, हरियाणा के यमुनानगर, बल्लभगढ़, कुरुक्षेत्र में प्रदूषण बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में सुबह 7 बजे के वक्त वायु प्रदूषण खराब या बेहद खराब स्थिति में था. दिल्ली के आनंदविहार में एक्यूआई (AQI) 271 था, जो प्रदूषण की खराब स्थिति को दिखाता है. राजधानी में आईटीओ, आईजीआई एयरपोर्ट, नेहरू नगर, पटपड़ गंज, ओखला, पंजाबी बाग जैसे अन्य इलाकों में भी प्रदूषण का स्तर संतोषजनक स्तर से ऊपर है.
वहीं यूपी के मुरादाबाद में एक्यूआई 271, गाजियाबादमें 228, ग्रेटर नोएडा में 212 था, जो प्रदूषण के गंभीर होते हालातों का संकेत है. वहीं राजस्थान के भिवाड़ी में एक्यूआई 254, हरियाणा के यमुनानगर में 262, बल्लभगढ़ में 270, कुरुक्षेत्र में 215 था. इस शहरों की स्थिति भी गंभीर है. वहीं मेरठ और मध्य प्रदेश का देवास भी सुबह देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शुमार रहा.
मानकों के अनुसार, 0-50 एक्यूआई को अच्छा औऱ सेहत पर मामूली प्रभाव वाला माना जाताहै. जबकि 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम और 200-300 के एक्यूआई सूचकांक को खराब स्थिति मानी जाती है. इसमें सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है. 301 से 400 के स्तर में श्वांस संबंधी बीमारियां बढ़ जाती हैं. अगर यह 401-500 के स्तर पर पहुंच जाए तो सभी तरह की बीमारियों से ग्रसित लोगों के साथ स्वस्थ लोगों पर भी गंभीर प्रभाव डालने वाला होता है. नोएडा में प्रदूषण का स्तर 171, करनाल में 168, लखनऊ में 161, गुरुग्राम में 168 आंकागया है.
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