दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार से छात्रों की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को तत्काल समाप्त करने के लिए कहा है। अदालत ने कहा कि वह यूनिवर्सिटी की अनुशासनात्मक कार्रवाई को चुनौती देने वाली उनकी रिट याचिकाओं पर तभी सुनवाई करेगा, जब वे आंदोलन खत्म करेंगे। अदालत ने कन्हैया से यह हलफनामा भी मांगा कि वह विश्वविद्यालय को सही ढंग से काम करने देंगे और वहां कोई आंदोलन नहीं होगा।
न्यायाधीश मनमोहन ने कहा 'कन्हैया पिछले 16 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों को आंदोलन खत्म करने के लिए ‘स्पष्ट तौर पर’कह सकते हैं और विश्वविद्यालय को ‘उचित ढंग से काम करने’ दे सकते हैं।’ उन्होंने कहा‘जेएनयू छात्रों को हड़ताल खत्म करनी होगी। आपको तत्काल हड़ताल वापस लेनी होगी। कोई भी भूख हड़ताल पर बैठा हुआ नहीं होना चाहिए।’अदालत ने वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन से कन्हैया को यह कहने के लिए कहा कि वह छात्रों से हड़ताल खत्म करने को कहे।
हड़ताल का 16वां दिन
गौरतलब है कि जेएनयू में कुल 19 छात्र अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। शुक्रवार को इस हड़ताल का 16 वां दिन है। शुरुआत के 19 छात्रों में से अब केवल 2 छात्र अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, बाकियों ने डाक्टरी सलाह के बाद खत्म कर दी है। हालांकि इस दौरान बीच बीच में नए छात्र हड़ताल से जुड़ते गए। नए छात्रों के जुड़ने के बाद फिलहाल स्ट्राइक पर बैठे छात्रों की संख्या 9 है। 5 छात्रों ने यूनिवर्सिटी की अनुशासनात्मक कार्रवाई को चुनौती देने वाली रिट याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी।
बता दें कि 9 फरवरी को हुए विवादित कार्यक्रम के सिलसिले में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दी गई सजा के खिलाफ जेएनयू छात्रों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी। बाद में स्वास्थ्य बिगड़ने की वजह से कन्हैया और उमर खालिद ने भूख हड़ताल खत्म कर दी थी, जबकि बाकी के छात्रों ने हड़ताल को जारी रखा है।
(इनपुट एजेंसी से भी)
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