केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश पर मंगलवार को रोक लगा दी, जिसके तहत सीबीएसई से कहा गया था कि वह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के 10वीं और 12वीं कक्षा के स्कूल रिकॉर्ड के निरीक्षण की अनुमति दे.
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की अर्जी पर सीआईसी के 17 जनवरी के निर्देश पर रोक लगा दी.
सीबीएसई का कहना है कि सूचना के अधिकार कानून के तहत ईरानी के स्कूल रिकॉर्ड का खुलासा नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह तीसरे पक्ष की सूचना है जो उसके पास विश्वास के आधार पर है. अदालत ने आरटीआई आवेदक को भी नोटिस जारी किया, जिसके आवेदन पर सीआईसी ने आदेश दिया था और 27 अप्रैल को सुनवाई की अगली तारीख तक उनसे जवाब मांगा. सीआईसी ने अपने आदेश में सीबीएसई की दलीलों को खारिज कर दिया था कि आरटीआई आवेदक द्वारा मांगी गई सूचना 'निजी' है.
गौरतलब है कि पिछले महीने सीआईसी ने सीबीएसई की यह दलील खारिज कर दी थी कि स्मृति की शैक्षिक योग्यता में 'निजी सूचना' शामिल है. सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने कहा था कि यह कहना सही नहीं है कि एक बार किसी के कोई परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने और एक प्रमाणपत्र के लिए अर्हता प्राप्त कर लेने के बाद नतीजे के बारे में सूचना निजी सूचना हो जाएगी.
आचार्युलू ने कहा था कि यदि प्रवेश पत्र में पता, संपर्क नंबर या ई-मेल आईडी जैसी निजी सूचना है, तो वह उम्मीदवार की निजी सूचना है और वह नहीं दी जानी चाहिए. लेकिन यदि नतीजे में प्रमाणपत्र, प्राप्त डिवीजन, वर्ष और पिता का नाम है, तो उसे निजी या तीसरे पक्ष की सूचना के तौर नहीं लिया जा सकता. उन्होंने एक आदेश में कहा कि जब कोई जनप्रतिनिधि अपनी शैक्षिक योग्यता की घोषणा करता है, तो मतदाता को उस घोषणा की जांच करने का अधिकार है.
(इनपुट भाषा से)
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की अर्जी पर सीआईसी के 17 जनवरी के निर्देश पर रोक लगा दी.
सीबीएसई का कहना है कि सूचना के अधिकार कानून के तहत ईरानी के स्कूल रिकॉर्ड का खुलासा नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह तीसरे पक्ष की सूचना है जो उसके पास विश्वास के आधार पर है. अदालत ने आरटीआई आवेदक को भी नोटिस जारी किया, जिसके आवेदन पर सीआईसी ने आदेश दिया था और 27 अप्रैल को सुनवाई की अगली तारीख तक उनसे जवाब मांगा. सीआईसी ने अपने आदेश में सीबीएसई की दलीलों को खारिज कर दिया था कि आरटीआई आवेदक द्वारा मांगी गई सूचना 'निजी' है.
गौरतलब है कि पिछले महीने सीआईसी ने सीबीएसई की यह दलील खारिज कर दी थी कि स्मृति की शैक्षिक योग्यता में 'निजी सूचना' शामिल है. सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने कहा था कि यह कहना सही नहीं है कि एक बार किसी के कोई परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने और एक प्रमाणपत्र के लिए अर्हता प्राप्त कर लेने के बाद नतीजे के बारे में सूचना निजी सूचना हो जाएगी.
आचार्युलू ने कहा था कि यदि प्रवेश पत्र में पता, संपर्क नंबर या ई-मेल आईडी जैसी निजी सूचना है, तो वह उम्मीदवार की निजी सूचना है और वह नहीं दी जानी चाहिए. लेकिन यदि नतीजे में प्रमाणपत्र, प्राप्त डिवीजन, वर्ष और पिता का नाम है, तो उसे निजी या तीसरे पक्ष की सूचना के तौर नहीं लिया जा सकता. उन्होंने एक आदेश में कहा कि जब कोई जनप्रतिनिधि अपनी शैक्षिक योग्यता की घोषणा करता है, तो मतदाता को उस घोषणा की जांच करने का अधिकार है.
(इनपुट भाषा से)
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