कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
राज्यसभा में आज कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने सड़कों पर सम और विषम संख्या के आधार पर कारों को उतारने के संबंध में दिल्ली सरकार के निर्णय को 'तुगलकी फैसला' करार देते हुए कहा कि सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को दुरूस्त किए बिना यह कदम नहीं उठाया जाना चाहिए। हालांकि सरकार एवं कांग्रेस सहित कई सदस्यों ने राजधानी में वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए इसे नियंत्रित करने की आवश्यकता पर सहमति जताई।
शून्यकाल में तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तय किया है कि अब एक दिन सड़कों पर नंबर प्लेट पर अंतिम संख्या के सम और अगले दिन विषम होने पर ही कार चला करेंगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली जब अभी भीड़ को संभालने की स्थिति में नहीं है तो आगे स्थिति और बदतर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को दुरुस्त किए बिना यह कदम उठाना एक 'तुगलकी फैसला' साबित होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि इस व्यवस्था में मरीज अस्पताल कैसे पहुंचेंगे। बच्चे स्कूल कैसे जाएंगे। बाहर के लोग कैसे दिल्ली में आ पाएंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस सरकार के जाने के बाद से सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की स्थिति बहुत बिगड़ गई है। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में इस तरह के कदम की व्यावहारिक समस्या को देखते हुए उसे वापस लिया गया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने भी कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या एक बड़ी समस्या है। इससे बच्चे सहित सभी लोग प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा निर्णय से कुछ व्यावहारिक दिक्कतें हो सकती हैं, लेकिन हम वायु प्रदूषण की अनदेखी नहीं कर सकते।
इसी पार्टी के सीनियर लीडर जयराम रमेश ने कहा कि वह तिवारी की बात से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस नई व्यवस्था को लागू होकर उसका प्रभाव देखना चाहिए। उसको लागू हुए बिना ही उसका विरोध नहीं करना चाहिए।
शून्यकाल में तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तय किया है कि अब एक दिन सड़कों पर नंबर प्लेट पर अंतिम संख्या के सम और अगले दिन विषम होने पर ही कार चला करेंगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली जब अभी भीड़ को संभालने की स्थिति में नहीं है तो आगे स्थिति और बदतर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को दुरुस्त किए बिना यह कदम उठाना एक 'तुगलकी फैसला' साबित होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि इस व्यवस्था में मरीज अस्पताल कैसे पहुंचेंगे। बच्चे स्कूल कैसे जाएंगे। बाहर के लोग कैसे दिल्ली में आ पाएंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस सरकार के जाने के बाद से सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की स्थिति बहुत बिगड़ गई है। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में इस तरह के कदम की व्यावहारिक समस्या को देखते हुए उसे वापस लिया गया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने भी कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या एक बड़ी समस्या है। इससे बच्चे सहित सभी लोग प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा निर्णय से कुछ व्यावहारिक दिक्कतें हो सकती हैं, लेकिन हम वायु प्रदूषण की अनदेखी नहीं कर सकते।
इसी पार्टी के सीनियर लीडर जयराम रमेश ने कहा कि वह तिवारी की बात से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस नई व्यवस्था को लागू होकर उसका प्रभाव देखना चाहिए। उसको लागू हुए बिना ही उसका विरोध नहीं करना चाहिए।
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