नई दिल्ली:
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चलती बस में 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और बेरहम तरीके से मारपीट की घटना के दो दिन बाद दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को चार लोगों को गिरफ्तार करके मामले को सुलझा लेने का दावा किया और कहा कि दोषियों को जल्द सजा दिलाने के लिए वह मामले की त्वरित अदालत में सुनवाई की मांग करेगी।
चिकित्सकों ने बताया कि पीड़ित छात्रा की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है लेकिन ‘कल से बेहतर’ है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने कहा कि चार्टर्ड बस के चालक, उसके भाई और दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि बाकी दो आरोपियों की धरपकड़ के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया गया है। चार्टर्ड बस को सामान्य रूट पर चलाने की कानूनी इजाजत नहीं थी।
रविवार की रात में बस चालक राम सिंह, उसके भाई मुकेश, सहायक जिम इंस्ट्रक्टर विनय शर्मा और फल विक्रेता पवन गुप्ता ‘मस्ती काटने निकले’ थे। इस दौरान वे मुनीरका बस स्टाप पहुंचे जहां पैरामेडिकल छात्रा और उसका पुरुष मित्र द्वारका जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे।
कुमार ने कहा, ‘‘राम सिंह ने आवाज लगाई कि बस द्वारका जा रही है और उसने दोनों को बस में बैठने को कहा। बस चलने के बाद बस में मौजूद लोगों ने लड़की से दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। लड़की के पुरुष मित्र ने विरोध किया और उसे बचाने का प्रयास किया। उसकी बुरी तरह से पिटाई की गई। लड़की ने भी उसे बचाने का प्रयास किया।’’
कुमार ने कहा कि लड़की और लड़के के विरोध के बावजूद सिंह और वाहन में मौजूद अन्य व्यक्तियों ने छात्रा के साथ बलात्कार किया। घटना के समय बस मुकेश चला रहा था। इसके बाद दोनों को बुरी तरह से मार पीटकर महिपालपुर फ्लाईओवर के पास फेंक दिया गया। कुमार ने कहा कि दिल्ली पुलिस इस मामले की त्वरित अदालत में सुनवाई की मांग करेगी ताकि आरोपियों को जितनी जल्दी संभव हो सके सजा मिले।
उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि अपराध के लिए अधिकतम सजा आजीवन कारावास है लेकिन ऐसे अपराधों के लिए मौत की सजा की मांग का सवाल है तो दिल्ली पुलिस इस संबंध में एक प्रस्ताव सरकार को भेजेगी।
पुलिस के आरोपियों पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाए जाने की संभावना है। कुमार ने कहा कि बस मुख्य तौर पर एक स्कूल बस थी जिसका इस्तेमाल चालक द्वारा अवैध तरीके से वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि लड़की की ‘स्थिति गंभीर’ थी लेकिन अब उसमें कुछ सुधार हुआ है।
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्साधीक्षक डॉ बीडी अथानी ने कहा, ‘‘उसकी स्थिति कल से बेहतर है। उसकी चेतना स्थिति कल से बेहतर है। उसकी गत रविवार को सर्जरी की गई थी।’’
डॉ अथानी ने बताया कि पीड़िता के लगे चोट इस तरह के हैं कि उसे अगले 48 से 72 घंटे तक चिकित्सकों के ‘कड़ी निगरानी’ में रखा जाएगा। पुलिस आयुक्त ने घटना को ‘अत्यंत निंदनीय’ करार देते हुए बताया कि सिंह, शर्मा और गुप्ता को राजधानी से गिरफ्तार किया गया, मुकेश को राजस्थान से गिरफ्तार करके राजधानी दिल्ली लाया गया।
उन्होंने बताया कि बस आरके पुरम के सेक्टर तीन में मिली और उसे तत्काल कब्जे में ले लिया गया। कुमार ने कहा, ‘‘बस चालक ने बस को साफ कर दिया था लेकिन फोरेंसिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि बस वही है जिसमें घटना हुई थी। लड़के और लड़की को बस के आगे के दरवाजे से नीचे फेंका गया।’’ यह पूछे जाने पर कि बस को पीसीआर वैनों द्वारा क्यों नहीं रोका गया, उन्होंने कहा कि प्रत्येक चलते वाहन की जांच करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है हालांकि ऐसा सैद्धांतिक रूप से किया जा सकता है।
एक प्रश्न के जवाब में कुमार ने कहा कि लड़के को लोहे की राड से मारा गया था जबकि लड़की को पेट में जोरदार घूसा मारा गया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली ‘बलात्कार की राजधानी’ बनती जा रही है, उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है। उन्होंने बलात्कार की घटनाओं पर समग्र रूप से चर्चा से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस घटना पर चर्चा करते हैं। यदि हम इस पर समग्र रूप से चर्चा करेंगे तो मैं कुछ ऐसा कहूंगा जो राजनीतिक रूप से गलत होगा। आप उसे गलत ढंग से पेश करेंगे।’’ एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि घटना के समय पीड़ितों के मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं हुए।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस बस के सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने में सफल रही जिसकी मदद से बस की पहचान संभव हो सकी। जांचकर्ताओं ने आरोपियों का पता लगाने के लिए पीड़ितों के मोबाइल फोन पर एसएमएस भेजे जिसे हमलावरों ने छीन लिया था।
इस घटना को लेकर लोगों का गुस्सा भड़क गया। जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्रों ने वसंतकुंज पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में शामिल एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘हम प्रत्येक क्षेत्र में जागरुकता उत्पन्न करने का प्रयास करते हैं लेकिन कोई परवाह नहीं करता। सरकार और पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दिल्ली में महिलाओं का उत्पीड़न रुके। केवल सीसीटीवी लगाने से काम नहीं चलेगा।’’
चिकित्सकों ने बताया कि पीड़ित छात्रा की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है लेकिन ‘कल से बेहतर’ है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने कहा कि चार्टर्ड बस के चालक, उसके भाई और दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि बाकी दो आरोपियों की धरपकड़ के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया गया है। चार्टर्ड बस को सामान्य रूट पर चलाने की कानूनी इजाजत नहीं थी।
रविवार की रात में बस चालक राम सिंह, उसके भाई मुकेश, सहायक जिम इंस्ट्रक्टर विनय शर्मा और फल विक्रेता पवन गुप्ता ‘मस्ती काटने निकले’ थे। इस दौरान वे मुनीरका बस स्टाप पहुंचे जहां पैरामेडिकल छात्रा और उसका पुरुष मित्र द्वारका जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे।
कुमार ने कहा, ‘‘राम सिंह ने आवाज लगाई कि बस द्वारका जा रही है और उसने दोनों को बस में बैठने को कहा। बस चलने के बाद बस में मौजूद लोगों ने लड़की से दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। लड़की के पुरुष मित्र ने विरोध किया और उसे बचाने का प्रयास किया। उसकी बुरी तरह से पिटाई की गई। लड़की ने भी उसे बचाने का प्रयास किया।’’
कुमार ने कहा कि लड़की और लड़के के विरोध के बावजूद सिंह और वाहन में मौजूद अन्य व्यक्तियों ने छात्रा के साथ बलात्कार किया। घटना के समय बस मुकेश चला रहा था। इसके बाद दोनों को बुरी तरह से मार पीटकर महिपालपुर फ्लाईओवर के पास फेंक दिया गया। कुमार ने कहा कि दिल्ली पुलिस इस मामले की त्वरित अदालत में सुनवाई की मांग करेगी ताकि आरोपियों को जितनी जल्दी संभव हो सके सजा मिले।
उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि अपराध के लिए अधिकतम सजा आजीवन कारावास है लेकिन ऐसे अपराधों के लिए मौत की सजा की मांग का सवाल है तो दिल्ली पुलिस इस संबंध में एक प्रस्ताव सरकार को भेजेगी।
पुलिस के आरोपियों पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाए जाने की संभावना है। कुमार ने कहा कि बस मुख्य तौर पर एक स्कूल बस थी जिसका इस्तेमाल चालक द्वारा अवैध तरीके से वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि लड़की की ‘स्थिति गंभीर’ थी लेकिन अब उसमें कुछ सुधार हुआ है।
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्साधीक्षक डॉ बीडी अथानी ने कहा, ‘‘उसकी स्थिति कल से बेहतर है। उसकी चेतना स्थिति कल से बेहतर है। उसकी गत रविवार को सर्जरी की गई थी।’’
डॉ अथानी ने बताया कि पीड़िता के लगे चोट इस तरह के हैं कि उसे अगले 48 से 72 घंटे तक चिकित्सकों के ‘कड़ी निगरानी’ में रखा जाएगा। पुलिस आयुक्त ने घटना को ‘अत्यंत निंदनीय’ करार देते हुए बताया कि सिंह, शर्मा और गुप्ता को राजधानी से गिरफ्तार किया गया, मुकेश को राजस्थान से गिरफ्तार करके राजधानी दिल्ली लाया गया।
उन्होंने बताया कि बस आरके पुरम के सेक्टर तीन में मिली और उसे तत्काल कब्जे में ले लिया गया। कुमार ने कहा, ‘‘बस चालक ने बस को साफ कर दिया था लेकिन फोरेंसिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि बस वही है जिसमें घटना हुई थी। लड़के और लड़की को बस के आगे के दरवाजे से नीचे फेंका गया।’’ यह पूछे जाने पर कि बस को पीसीआर वैनों द्वारा क्यों नहीं रोका गया, उन्होंने कहा कि प्रत्येक चलते वाहन की जांच करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है हालांकि ऐसा सैद्धांतिक रूप से किया जा सकता है।
एक प्रश्न के जवाब में कुमार ने कहा कि लड़के को लोहे की राड से मारा गया था जबकि लड़की को पेट में जोरदार घूसा मारा गया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली ‘बलात्कार की राजधानी’ बनती जा रही है, उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है। उन्होंने बलात्कार की घटनाओं पर समग्र रूप से चर्चा से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस घटना पर चर्चा करते हैं। यदि हम इस पर समग्र रूप से चर्चा करेंगे तो मैं कुछ ऐसा कहूंगा जो राजनीतिक रूप से गलत होगा। आप उसे गलत ढंग से पेश करेंगे।’’ एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि घटना के समय पीड़ितों के मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं हुए।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस बस के सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने में सफल रही जिसकी मदद से बस की पहचान संभव हो सकी। जांचकर्ताओं ने आरोपियों का पता लगाने के लिए पीड़ितों के मोबाइल फोन पर एसएमएस भेजे जिसे हमलावरों ने छीन लिया था।
इस घटना को लेकर लोगों का गुस्सा भड़क गया। जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्रों ने वसंतकुंज पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में शामिल एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘हम प्रत्येक क्षेत्र में जागरुकता उत्पन्न करने का प्रयास करते हैं लेकिन कोई परवाह नहीं करता। सरकार और पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दिल्ली में महिलाओं का उत्पीड़न रुके। केवल सीसीटीवी लगाने से काम नहीं चलेगा।’’
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