
नई दिल्ली:
दिल्ली में गैंगरेप के मामले पर कार्रवाई को लेकर दबाव में आई सरकार ने इस मामले की जांच के लिए स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी बनाने का ऐलान किया है।
संसद में बयान देते हुए गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि डीसीपी स्तर का अधिकारी इस एसआईटी की अगुवाई करेगा। शिंदे ने कहा कि एक महिला आईपीएस अधिकारी से कहा गया है कि वह नियमित अंतराल पर अस्पताल जाकर पीड़ित के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेती रहे और उसके अभिभावकों से भी संपर्क में रहे।
उन्होंने कहा कि किसी पीसीआर वाहन को इस घटना के बारे में इसलिए नहीं पता लग सका, क्योंकि बस के अंदर से कोई आवाज नहीं आ रही थी। बस के शीशे रंगीन थे और उन पर परदे लगे हुए थे। शिंदे ने कहा कि वसंत विहार थाने में इस मामले में दर्ज की गई प्राथमिकी में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 210 (सबूत मिटाना) भी जोड़ी गई है।
उन्होंने कहा कि अनुबंध तथा परमिट की किसी भी शर्त का उल्लंघन किए जाने पर वाणिज्यिक वाहनों और बसों को जब्त कर लिया जाएगा और उनके परमिट रद्द कर दिए जाएंगे। इससे पूर्व बीजेपी के वेंकैया नायडू, डीएमके के टी शिवा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, जेडीयू के एनके सिंह और सपा की जया बच्चन ने यह मामला उठाते हुए सरकार से सवाल किए कि इस घटना में कौन से कदम उठाए गए हैं।
नायडू ने सवाल किया कि ऐसे मामलों में मृत्युदंड दिए जाने, पीसीआर की संख्या बढ़ाने जैसी विपक्ष की मांगों पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया है। उन्होंने यह भी कहा कि घटना के दिन वह बस तीन पीसीआर वाहनों के समीप से गुजरी थी, फिर भी कुछ नहीं हो सका।
शिंदे ने कहा कि सरकार ने सभी बसों में काले शीशे और पर्दे हटाने के आदेश दिए हैं। बसों पर ड्राइवर के फोन और लाइसेंस नंबर लिखा होना जरूरी होगा और रात में चलने वाली बसों में लाइट जलनी जरूरी होगी।
इसके अलावा काम के बाद प्राइवेट बसें मालिक के पास रहेंगी। रात में पुलिस गश्त बढ़ाई जाएगी। सड़कों पर रात को रोशनी के पर्याप्त इंतजाम किए जाएंगे। इससे पहल, दिल्ली के पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात की। बैठक में फैसला किया गया कि बसों से रंगीन शीशों और पर्दों को हटाने का अभियान चलाया जाएगा।
यह बैठक ऐसे समय हुई, जब एक दिन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गृहमंत्री शिंदे और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को कड़े शब्दों में पत्र लिखे और कहा कि यह शर्म की बात है कि इस तरह की दर्दनाक घटनाएं हो रही हैं।
गौरतलब है कि एक लड़की के साथ रविवार रात को रंगीन शीशों और पर्दों वाली चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था। पुलिस ने स्कूलों के साथ करार वालीं निजी बसों के चालकों के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के लिए भी कहा गया है।
संसद में बयान देते हुए गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि डीसीपी स्तर का अधिकारी इस एसआईटी की अगुवाई करेगा। शिंदे ने कहा कि एक महिला आईपीएस अधिकारी से कहा गया है कि वह नियमित अंतराल पर अस्पताल जाकर पीड़ित के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेती रहे और उसके अभिभावकों से भी संपर्क में रहे।
उन्होंने कहा कि किसी पीसीआर वाहन को इस घटना के बारे में इसलिए नहीं पता लग सका, क्योंकि बस के अंदर से कोई आवाज नहीं आ रही थी। बस के शीशे रंगीन थे और उन पर परदे लगे हुए थे। शिंदे ने कहा कि वसंत विहार थाने में इस मामले में दर्ज की गई प्राथमिकी में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 210 (सबूत मिटाना) भी जोड़ी गई है।
उन्होंने कहा कि अनुबंध तथा परमिट की किसी भी शर्त का उल्लंघन किए जाने पर वाणिज्यिक वाहनों और बसों को जब्त कर लिया जाएगा और उनके परमिट रद्द कर दिए जाएंगे। इससे पूर्व बीजेपी के वेंकैया नायडू, डीएमके के टी शिवा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, जेडीयू के एनके सिंह और सपा की जया बच्चन ने यह मामला उठाते हुए सरकार से सवाल किए कि इस घटना में कौन से कदम उठाए गए हैं।
नायडू ने सवाल किया कि ऐसे मामलों में मृत्युदंड दिए जाने, पीसीआर की संख्या बढ़ाने जैसी विपक्ष की मांगों पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया है। उन्होंने यह भी कहा कि घटना के दिन वह बस तीन पीसीआर वाहनों के समीप से गुजरी थी, फिर भी कुछ नहीं हो सका।
शिंदे ने कहा कि सरकार ने सभी बसों में काले शीशे और पर्दे हटाने के आदेश दिए हैं। बसों पर ड्राइवर के फोन और लाइसेंस नंबर लिखा होना जरूरी होगा और रात में चलने वाली बसों में लाइट जलनी जरूरी होगी।
इसके अलावा काम के बाद प्राइवेट बसें मालिक के पास रहेंगी। रात में पुलिस गश्त बढ़ाई जाएगी। सड़कों पर रात को रोशनी के पर्याप्त इंतजाम किए जाएंगे। इससे पहल, दिल्ली के पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात की। बैठक में फैसला किया गया कि बसों से रंगीन शीशों और पर्दों को हटाने का अभियान चलाया जाएगा।
यह बैठक ऐसे समय हुई, जब एक दिन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गृहमंत्री शिंदे और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को कड़े शब्दों में पत्र लिखे और कहा कि यह शर्म की बात है कि इस तरह की दर्दनाक घटनाएं हो रही हैं।
गौरतलब है कि एक लड़की के साथ रविवार रात को रंगीन शीशों और पर्दों वाली चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था। पुलिस ने स्कूलों के साथ करार वालीं निजी बसों के चालकों के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के लिए भी कहा गया है।
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