यह ख़बर 28 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

दिल्ली गैंगरेप : दागी बस फर्जी पते पर थी रजिस्टर्ड, आठ बार हुआ चालान

खास बातें

  • ट्रैफिक पुलिस ने गैंगरेप में इस्तेमाल इस बस के बारे में जानकारी दी है कि साल 2011 और 2012 में इस बस को छह बार जब्त किया गया और आठ बार इसका चालान काटा गया था।
नई दिल्ली:

दिल्ली गैंगरेप में इस्तेमाल बस की जांच में अब कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। पुलिस ने जांच में पाया है कि दिनेश यादव की इस बस समेत सारी बसों को दिल्ली के फर्जी पते पर रजिस्टर्ड कराया गया था।

इन बसों को सिर्फ स्कूल में चलाने के लिए परमिट दिया गया था, लेकिन मालिक इन्हें अवैध तरीके से रूट पर सवारियां ढोने में इस्तेमाल कर रहा था। यहां तक कि डीटीसी ने भी इस मामले में ट्रांसपोर्ट विभाग को दिनेश यादव के लोगों द्वारा दादागिरी करने की शिकायत की थी।

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ट्रैफिक पुलिस ने गैंगरेप में इस्तेमाल इस बस के बारे में जानकारी दी है कि साल 2011 और 2012 में इस बस को छह बार जब्त किया गया और आठ बार इसका चालान काटा गया था। आखिरी बार इस बस को जुलाई, 2012 में जब्त किया गया था, लेकिन मालिक दिनेश यादव और ड्राइवर राम सिंह ने 2200 रुपये जुर्माना देकर बस को छुड़ा लिया था। इस बस के पास फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं था।