नई दिल्ली:
पिछले रविवार की रात चलती बस में बलात्कार की शिकार बनी एवं बुरी तरह से प्रताड़ित की गई 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल छात्रा की स्थिति में सुधार हो रहा है और वह मानसिक रूप से पहले से बेहतर है तथा भविष्य के बारे में आशावान नजर आ रही है।
डॉक्टरों का कहना है कि उसका स्वास्थ्य शुक्रवार के मुकाबले बेहतर है। हादसे के बाद पीड़ित का इलाज सफदरजंग अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि वह वेंटिलेटर की मदद के बगैर खुद से सांस ले रही है।
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बीडी अथानी ने संवादादाताओं से कहा, वह कल से काफी बेहतर है। आज उसने थोड़ा सा पानी और सेब का जूस पिया। उसकी श्वेत रक्त कोशिकाओं में कल के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है। कल उनकी संख्या 1,500 थी, जो बढ़कर 2,600 हो गई है।
दूसरी ओर उसके प्लेटलेट काउंट कम हुए हैं, जबकि आयरन के पाचन से बनने वाले पीले रंग का बिलीरूबिन कल के मुकाबले बढ़कर 5.9 हो गया है। कल इनकी संख्या 5.1 थी। यह चिंता का विषय है, क्योंकि इससे लीवर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
डॉक्टरों ने कहा कि टोटल लिम्फोसाइट काउंट (टीएलसी) भी कम हुआ है, जिसका अर्थ है कि उसके शरीर में संक्रमण होने की संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि मरीज ने थोड़ी-बहुत बातचीत भी शुरू कर दी है। डॉक्टर अथानी ने कहा कि मरीज को आज ज्यादा प्लेटलेट वाला चार यूनिट प्लाजमा चढ़ाया जाएगा। सुपर स्पेशलिस्ट मरीज के इलाज की प्रक्रिया तय कर रहे हैं।
रविवार की रात हुए हादसे के बाद पहली बार पीड़ित की मानसिक स्थिति को जानने के लिए उन्हें मनोविशेषज्ञों के सामने लाया गया। अस्पताल के मनोविशेषज्ञ डॉक्टर कुलदीप कुमार ने कहा, प्राथमिक जांच के मुताबिक वह मानसिक रूप से बेहतर हैं। हमने एक सम्मानीय और गौरवशाली अप्रोच का पालन किया। हालांकि इस वक्त कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, अभी वह बहुत बेहतर स्थिति में और आशावान हैं तथा उनका भविष्य बेहतर है।
सहयोगी डॉक्टर अभिलाषा यादव भी उनकी बातों से सहमत नजर आईं और उन्होंने कहा कि लड़की बहुत बहादुर, साकारात्मक और आशावादी है। मरीज के संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि उसका शरीर भी बेहतर काम कर रहा है। वह पूरी तरह सामान्य और शांत है। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि वे मरीज को एंटीबायोटिक का हाई डोज दे रहे हैं और स्वच्छता रखी जा रही है...दोनों मरीज को संक्रमण से बचाने के लिए बेहद आवश्यक हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि उसका स्वास्थ्य शुक्रवार के मुकाबले बेहतर है। हादसे के बाद पीड़ित का इलाज सफदरजंग अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि वह वेंटिलेटर की मदद के बगैर खुद से सांस ले रही है।
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बीडी अथानी ने संवादादाताओं से कहा, वह कल से काफी बेहतर है। आज उसने थोड़ा सा पानी और सेब का जूस पिया। उसकी श्वेत रक्त कोशिकाओं में कल के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है। कल उनकी संख्या 1,500 थी, जो बढ़कर 2,600 हो गई है।
दूसरी ओर उसके प्लेटलेट काउंट कम हुए हैं, जबकि आयरन के पाचन से बनने वाले पीले रंग का बिलीरूबिन कल के मुकाबले बढ़कर 5.9 हो गया है। कल इनकी संख्या 5.1 थी। यह चिंता का विषय है, क्योंकि इससे लीवर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
डॉक्टरों ने कहा कि टोटल लिम्फोसाइट काउंट (टीएलसी) भी कम हुआ है, जिसका अर्थ है कि उसके शरीर में संक्रमण होने की संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि मरीज ने थोड़ी-बहुत बातचीत भी शुरू कर दी है। डॉक्टर अथानी ने कहा कि मरीज को आज ज्यादा प्लेटलेट वाला चार यूनिट प्लाजमा चढ़ाया जाएगा। सुपर स्पेशलिस्ट मरीज के इलाज की प्रक्रिया तय कर रहे हैं।
रविवार की रात हुए हादसे के बाद पहली बार पीड़ित की मानसिक स्थिति को जानने के लिए उन्हें मनोविशेषज्ञों के सामने लाया गया। अस्पताल के मनोविशेषज्ञ डॉक्टर कुलदीप कुमार ने कहा, प्राथमिक जांच के मुताबिक वह मानसिक रूप से बेहतर हैं। हमने एक सम्मानीय और गौरवशाली अप्रोच का पालन किया। हालांकि इस वक्त कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, अभी वह बहुत बेहतर स्थिति में और आशावान हैं तथा उनका भविष्य बेहतर है।
सहयोगी डॉक्टर अभिलाषा यादव भी उनकी बातों से सहमत नजर आईं और उन्होंने कहा कि लड़की बहुत बहादुर, साकारात्मक और आशावादी है। मरीज के संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि उसका शरीर भी बेहतर काम कर रहा है। वह पूरी तरह सामान्य और शांत है। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि वे मरीज को एंटीबायोटिक का हाई डोज दे रहे हैं और स्वच्छता रखी जा रही है...दोनों मरीज को संक्रमण से बचाने के लिए बेहद आवश्यक हैं।
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