पुलिस की गिरफ्त में अजीत रे
नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गढ़चिरौली से एक बड़े नक्सली को गिरफ्तार किया जो 1992 से नक्सली गतिविधियों में शामिल रहकर बड़े पैमाने पर कारतूस लेता था और इनका प्रयोग नक्सली करते थे. इस पर 2 लाख का इनाम था. इस गिरफ़्तारी से और बड़े नक्सलियों तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही है. 48 साल के अजीत रे को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 9 नवंबर को कई महीने की मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया है. अजीत पर आरोप है कि वो नक्सली गतिविधियों में शामिल रहकर नक्सल ऑपरेशन के लिए बड़े पैमाने पर कारतूस के सप्लायरों से कारतूस ले रहा था, ये कारतूस छोटे हथियारों से लेकर बड़े हथियारों के हैं. पुलिस को उसके पास से 45 कारतूस भी मिले हैं.
पुलिस के मुताबिक इस साल 12 जुलाई को रामकृष्ण नाम के आदमी को 407 कारतूस के साथ दिल्ली से अरेस्ट किया था. उसके बाद कारतूस सप्लाई करने वाला संजय सिंह बिहार के आरा से पकड़ा गया, तब पता चला कि ये कारतूस अजीत रे को सप्लाई होते हैं. पुलिस के मुताबिक अजीत गढ़चिरौली में 1992 से नक्सलियों के लिए काम कर रहा है.
पहले ये कमांडर संतोष अन्ना के लिए काम करता था. फिर ये कमांडर साईंनाथ के लिए काम करने लगा. साईंनाथ इसी साल अप्रैल में 40 नक्सलियों के साथ गढ़चिरौली में मारा गया था. वो पेरिमिली दलम का हेड था. उसके बाद ये नई हेड नर्मदा अक्का के लिए काम करने लगा था. नर्मदा अक्का नक्सली गतिविधियों के मामले में गिरफ्तार डीयू के प्रोफेसर साईंबाबा के संपर्क में थी. दिल्ली से गिरफ्तार रोना विल्सन भी नर्मदा के संपर्क में था. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए वो खुद को ठेकेदार बताता था और उसने सड़क बनाने के अलावा कई और ठेके लिए भी थे. अजीत 2005 और 2008 में कारतूस सप्लाई करने और जाली नोट के साथ गिरफ्तार हो चुका है.
VIDEO: दिल्ली पुलिस ने टॉप नक्सली को गिरफ्तार किया
पुलिस के मुताबिक इस साल 12 जुलाई को रामकृष्ण नाम के आदमी को 407 कारतूस के साथ दिल्ली से अरेस्ट किया था. उसके बाद कारतूस सप्लाई करने वाला संजय सिंह बिहार के आरा से पकड़ा गया, तब पता चला कि ये कारतूस अजीत रे को सप्लाई होते हैं. पुलिस के मुताबिक अजीत गढ़चिरौली में 1992 से नक्सलियों के लिए काम कर रहा है.
पहले ये कमांडर संतोष अन्ना के लिए काम करता था. फिर ये कमांडर साईंनाथ के लिए काम करने लगा. साईंनाथ इसी साल अप्रैल में 40 नक्सलियों के साथ गढ़चिरौली में मारा गया था. वो पेरिमिली दलम का हेड था. उसके बाद ये नई हेड नर्मदा अक्का के लिए काम करने लगा था. नर्मदा अक्का नक्सली गतिविधियों के मामले में गिरफ्तार डीयू के प्रोफेसर साईंबाबा के संपर्क में थी. दिल्ली से गिरफ्तार रोना विल्सन भी नर्मदा के संपर्क में था. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए वो खुद को ठेकेदार बताता था और उसने सड़क बनाने के अलावा कई और ठेके लिए भी थे. अजीत 2005 और 2008 में कारतूस सप्लाई करने और जाली नोट के साथ गिरफ्तार हो चुका है.
VIDEO: दिल्ली पुलिस ने टॉप नक्सली को गिरफ्तार किया
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