उमर अब्दुल्ला (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर अब्दुल्ला की पूर्व पत्नी पायल अब्दुल्ला को कहा है कि उन्हें नई दिल्ली के अकबर रोड का सरकारी बंगला खाली करना होगा. हालांकि फिलहाल हाईकोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. गौरतलब है कि पायल अब्दुल्ला काफी समय से उमर से अलग रह रही हैं.
वहीं केंद्र ने हाईकोर्ट में कहा कि पायल को विशेष खतरे की सूचना नहीं है. दूसरी जगह भी उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दी जा सकती है. दरअसल, पायल अब्दुल्ला ने याचिका लगाई थी कि दिल्ली के 7 अकबर रोड के टाइप-8 बंगले को सुरक्षा कारणों ने खाली न कराया जाए. इससे पहले पायल की याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के बंगला खाली करने के आदेश पर रोक लगा दी थी.
साथ ही केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार को नोटिस जारी किया था. केंद्र ने शुक्रवार को हाईकोर्ट में सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट दी और कोर्ट को बताया कि हाल ही के सुरक्षा रिव्यू के मुताबिक उन्हें कोई विशेष खतरा नहीं है, लेकिन उमर अब्दुल्ला के परिवार से होने की वजह से उन्हें जम्मू-कश्मीर के आतंकवादियों से खतरा हो सकता है.
केंद्र सरकार इसी तरह की सुरक्षा दूसरी जगह भी दे सकती है. वहीं जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा कि पायल केंद्र नहीं बल्कि राज्य की सुरक्षा में है. वैसे भी उक्त बंगला राज्य के मुख्यमंत्री के लिए आवंटित किया गया है. इसी दौरान हाईकोर्ट ने पायल के वकीलों से पूछा कि वह कब तक बंगला खाली कर सकती हैं लेकिन वकील कोई समय सीमा नहीं बता पाए. इसके बाद हाईकोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
हाईकोर्ट ने कहा कि आपको सुरक्षा देने से कोई इंकार नहीं कर रहा, लेकिन आपको दूसरी जगह जाकर रहना होगा. जानकारी के मुताबिक, पायल और उनके दो बेटे फिलहाल दिल्ली के इस बंगले मे रह रहे हैं. उमर अब्दुल्ला जब 1999 मे मंत्री बने तो यह बंगला उन्हें दिया गया था और जब वह मंत्री नहीं थे तो भी सुरक्षा कारणों से उन्हें बंगला खाली नहीं कराया गया था.
पायल ने अपनी याचिका मे कहा है कि सुरक्षा के लिए उनको जेड प्लस सिक्योरिटी दी गई है, जिसमें करीब 94 सुरक्षा कर्मी है, अगर टाइप -8 को बदला जाता है तो फिर इतने सुरक्षाकर्मियों के लिए छोटे बंगले मे रहना मुश्किल है. सरकार ने इसी आधार पर बंगला खाली करने का आदेश दिया था कि अब उमर अब्दुल्ला सरकार में नहीं है.
वहीं केंद्र ने हाईकोर्ट में कहा कि पायल को विशेष खतरे की सूचना नहीं है. दूसरी जगह भी उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दी जा सकती है. दरअसल, पायल अब्दुल्ला ने याचिका लगाई थी कि दिल्ली के 7 अकबर रोड के टाइप-8 बंगले को सुरक्षा कारणों ने खाली न कराया जाए. इससे पहले पायल की याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के बंगला खाली करने के आदेश पर रोक लगा दी थी.
साथ ही केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार को नोटिस जारी किया था. केंद्र ने शुक्रवार को हाईकोर्ट में सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट दी और कोर्ट को बताया कि हाल ही के सुरक्षा रिव्यू के मुताबिक उन्हें कोई विशेष खतरा नहीं है, लेकिन उमर अब्दुल्ला के परिवार से होने की वजह से उन्हें जम्मू-कश्मीर के आतंकवादियों से खतरा हो सकता है.
केंद्र सरकार इसी तरह की सुरक्षा दूसरी जगह भी दे सकती है. वहीं जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा कि पायल केंद्र नहीं बल्कि राज्य की सुरक्षा में है. वैसे भी उक्त बंगला राज्य के मुख्यमंत्री के लिए आवंटित किया गया है. इसी दौरान हाईकोर्ट ने पायल के वकीलों से पूछा कि वह कब तक बंगला खाली कर सकती हैं लेकिन वकील कोई समय सीमा नहीं बता पाए. इसके बाद हाईकोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
हाईकोर्ट ने कहा कि आपको सुरक्षा देने से कोई इंकार नहीं कर रहा, लेकिन आपको दूसरी जगह जाकर रहना होगा. जानकारी के मुताबिक, पायल और उनके दो बेटे फिलहाल दिल्ली के इस बंगले मे रह रहे हैं. उमर अब्दुल्ला जब 1999 मे मंत्री बने तो यह बंगला उन्हें दिया गया था और जब वह मंत्री नहीं थे तो भी सुरक्षा कारणों से उन्हें बंगला खाली नहीं कराया गया था.
पायल ने अपनी याचिका मे कहा है कि सुरक्षा के लिए उनको जेड प्लस सिक्योरिटी दी गई है, जिसमें करीब 94 सुरक्षा कर्मी है, अगर टाइप -8 को बदला जाता है तो फिर इतने सुरक्षाकर्मियों के लिए छोटे बंगले मे रहना मुश्किल है. सरकार ने इसी आधार पर बंगला खाली करने का आदेश दिया था कि अब उमर अब्दुल्ला सरकार में नहीं है.
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