पिछली UPA सरकार में विमानों के सौदे का मामला, तिहाड़ में बंद लॉबिस्ट दीपक तलवार से पूछताछ करेगी ED

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कॉरपोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार से पूछताछ के दौरान गुप्त रूप से धन के लेन-देन के अनेक मामलों के बीच उनको दो बैंक खातों में मिली 234 करोड़ रुपये की राशि की पुष्टि करवाना चाहती

पिछली UPA सरकार  में विमानों के सौदे का मामला, तिहाड़ में बंद लॉबिस्ट दीपक तलवार से पूछताछ करेगी ED

पिछली यूपीए सरकार में उड्डयन मंत्री रहे प्रफुल्ल पटेल के कार्यकाल में विमान सौदे में ईडी कर रहा जांच.

नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कॉरपोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार से पूछताछ के दौरान गुप्त रूप से धन के लेन-देन के अनेक मामलों के बीच उनको दो बैंक खातों में मिली 234 करोड़ रुपये की राशि की पुष्टि करवाना चाहती है.फ्रांस की कंपनी एयरबस से 2005 में इंडियन एयरलाइंस के लिए 43 विमानों की खरीद के लिए कथित तौर पर संपर्क स्थापित करने में शामिल दीपक तलवार इस समय तिहाड़ जेल में हैं.एजेंसी को जानकारी मिली है कि तलवार को एक खाते में एयरबस से 92 करोड़ रुपये और दूसरे खाते में 142 करोड़ रुपये मिले थे.ईडी के एक जांचकर्ता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि एजेंसी सोमवार से तलवार से पूछताछ शुरू करेगी और विशेष जोर उनके एयरबस से उनकी विभिन्न कंपनियों के खाते में लिए गए पैसे पर होगा. एजेंसी के अनुसार, तलवार को उद्योग व अन्य कुछ विदेशी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए ये पैसे मिले थे. 

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एजेंसी उस लिंक की भी तलाश में है, जिसके जरिए तलवार के खाते में प्राप्त धन नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारी समेत अन्य सरकारी कर्मचारियों के खाते में हस्तांतरित किया गया, जिन्होंने 2004 में अपने पद का दुरुपयोग करके करीब 70,000 करोड़ रुपये की लागत से नेशनल एयरलाइंस के लिए 111 विमान खरीदने का फैसला किया. उसमें प्रफुल्ल पटेल संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री थे.

ईडी के अधिकारी ने कहा, "हमारे पास पहले से ही 100 से अधिक विशिष्ट प्रश्न हैं, जिनसे पैसे की लेन-देन की पोल खोलने में मदद मिलेगी."उन्होंने कहा, "दिल्ली की एक अदालत द्वारा शुक्रवार को तलवार से जेल परिसर में पूछताछ की अनुमति मिलने के शीघ्र बाद इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई."तलवार इस समय न्यायिक हिरासत में हैं और अदालत ने ईडी को उनसे सोमवार से शुक्रवार तक सुबह नौ बजे से शाम छह बजे के बीच जेल परिसर में पूछताछ करने की इजाजत दी है. 

तलवार से नागरिक उड्डयन मंत्रालय के उन नौकरशाहों के नाम पूछे जाएंगे, जो अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ साजिश में शामिल थे. इससे पहले कुछ विमान खरीदने के प्रस्ताव थे, लेकिन धन के अभाव में उन प्रस्तावों को कार्यरूप प्रदान नहीं किया गया. ऑफ एयर इंडिया की 2000-01 की रिपोर्ट का जिक्र किया गया है कि एयरलाइंस सिर्फ पट्टे पर विमान लेगी.

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पूर्व की इंडियन एयरलाइंस (आईएएल) द्वारा फरवरी 2006 में विमान के अधिग्रहण के बारे में नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने 17 अगस्त, 2011 को अपनी रिपोर्ट में पाया कि आईएएल ने अनुमानित 8,399.60 करोड़ रुपये की लागत से 43 विमानों (सीएफएम इंजिन के साथ) की खरीद के लिए एयरबस से करार किया था. अधिकारी ने बताया कि कथित तौर पर एयर इंडिया ने शुरुआत में सिर्फ 24 विमान खरीदने की योजना बनाई थी और इंडियन एयरलाइंस ने 43 विमान. तलवार से ये सवाल भी किए जाएंगे कि किस तरह एयर इंडिया के कर्मचारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया और बोइंग (अमेरिकी कंपनी) और एयरबस से 111 विमान खरीदने का ऑर्डर दिया, जिनकी लागत ब्याज भुगतान समेत 67,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2017 में अपने एफआईआर में जिक्र किया है कि इस प्रकार की महत्वाकांक्षी खरीद के ऑर्डर आवश्यकताओं का अध्ययन, आवश्यक पारदर्शिता के बिना दिए गए, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ. ईडी तलवार के खिलाफ धन शोधन के कई अन्य मामलों की भी जांच कर रहा है. तलवार को 30 जनवरी को संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पित किया गया था.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)