तेजस लड़ाकू विमान से उड़ान भरने के बाद केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह अब समुद्र में मशीन गन चलाते हुए नजर आए हैं. रविवार को राजनाथ सिंह ने INS विक्रमादित्य में मशीन गन थामी और गोलियां भी चलाई. उन्होंने आईएनएस विक्रमादित्य पर 24 घंटे का समय गुजारा. ऐसा करने वाले वो देश के पहले रक्षा मंत्री हैं. सिंह रातभर आईएनएस विक्रमादित्य में रुके और इस दौरान, उन्होंने पनडुब्बियों, फ्रिगेट्स और वाहक सहित विभिन्न सैन्य अभ्यासों को देखा. आईएनएस विक्रमादित्य विमानवाहक पोत है जिसपर मिग-29 लड़ाकू विमान तैनात हैं. रक्षा मंत्री ने नौसेना के पश्चिमी कमान के अदम्य साहस और मारक क्षमता का दीदार भी किया. पश्चिमी कमान के जवानों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, 'नौसेना हर खतरे से देश की रक्षा करने के पूरी तरह तैयार है. देश की सुरक्षा सुरक्षित हाथों में है.' उन्होंने कहा, 'देश की सुरक्षा इस बात पर निर्भर करती है कि समुद्र में हम कितने शक्तिशाली हैं.'
पश्चिमी कमान की तारीफ करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि बालाकोट में आतंकी कैम्प पर हमले के बाद उत्तरी अरब सागर में जिस तरह पश्चिमी कमान ने अपनी तैनाती को धार दी उसके बाद हमारा मुख्य प्रतिद्वंद्वी समुद्र में कोई हिमाकत करने का साहस नहीं जुटा पाया. उन्होंने रविवार को आईएनएस विक्रमादित्य की यात्रा के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'भारतीय तटरेखा पर आतंकी हमले का खतरा कायम है क्योंकि पड़ोसी देश भारत को अस्थिर करने के लिए नापाक हरकतें कर रहा है.' तटरेखा पर आतंकवादी हमले के खतरों पर रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘दुनिया में हर देश के पास अपनी रक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा होनी चाहिए. हम किसी भी आशंका (आतंकवाद के खतरे) को हल्के में नहीं ले सकते.''
भारत को अस्थिर करने की नापाक हरकते कर रहा है पाक, हम जवाब देने से पीछे नहीं हटेंगे: राजनाथ सिंह
पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘जहां तक हमारे पड़ोसी देश की बात आती है, आपको पता है वह भारत को अस्थिर करने और तोड़ने के लिए लगातार नापाक हरकतें कर रहा है.'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरे यकीन के साथ कह सकता हूं कि समुद्री सुरक्षा के लिए यहां हमारी भारतीय नौसेना दृढ़ एवं चौकस है. इसमें तनिक भी संदेह नहीं है.'' उन्होंने साथ ही कहा कि मुम्बई जैसा हमला दोबारा नहीं होने देंगे. सिंह ने कहा, ‘‘हम 26/11 हमले (मुम्बई आतंकवादी हमला) को भूल नहीं सकते. अगर कोई गलती एक बार हुई है, तो वह किसी कीमत पर दोबारा नहीं होनी चाहिए. इसलिए हमारी भारतीय नौसेना और तट रक्षक हमेशा सतर्क रहते हैं.''
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