विज्ञापन
This Article is From Aug 31, 2015

सिर्फ आतंकवाद और राष्ट्रद्रोह के मामलों में ही हो फांसी : विधि आयोग ने की सिफारिश

सिर्फ आतंकवाद और राष्ट्रद्रोह के मामलों में ही हो फांसी : विधि आयोग ने की सिफारिश
प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली: विधि आयोग ने फांसी की सजा चरणबद्ध तरीके से खत्म करने की सिफारिश की है। आयोग ने कहा है कि सिर्फ आतंकवाद और राष्ट्रद्रोह के मामलों में ही फांसी की सजा दी जानी चाहिए। विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एपी शाह ने कहा कि कमीशन के नौ में से छह सदस्य रिपोर्ट से सहमत हैं। तीन असहमत सदस्यों में से दो सरकार के प्रतिनिधि हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आंख के बदले आंख का सिद्धांत हमारे संविधान की बुनियादी भावना के खिलाफ है। बदले की भावना से न्यायिक तंत्र नहीं चल सकता।

रिपोर्ट इस मुद्दे पर केंद्रित है कि भारत में मौत की सजा होनी चाहिए या नहीं। रिपोर्ट की एक प्रति कानून मंत्री को सौंपी जाएगी, क्योंकि पैनल के प्रावधानों में किसी भी बदलाव की मांग पर संसद ही विचार करेगी।

यह रिपोर्ट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी दिए जाने के बाद इस पर बहस शुरू हो गई थी।

आयोग ने इस रिपोर्ट को पूरा करने के लिए समय से अधिक काम किया, क्योंकि इसका तीन साल का कार्यकाल आज ही (31 अगस्त) समाप्त हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने संतोष कुमार सतीश भूषण बारियार विरुद्ध महाराष्ट्र और शंकर किसनराव खाड़े विरुद्ध महाराष्ट्र मामले में कहा था कि विधि आयोग को मौत की सजा से जुड़े विविध मतों और पहलुओं का अध्ययन करना चाहिए, ताकि इस विषय पर एक अद्यतन और तथ्यात्मक बहस की अनुमति दी जा सके।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com