बाबू लाल गौर (फाइल फोटो)
भोपाल:
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले के 25 आरोपियों एवं गवाहों की कथित तौर पर हुई 'अस्वाभाविक' मौत के बाद इसकी जांच कराने की ताजा मांग को खारिज करते हुए प्रदेश के गृहमंत्री ने इन मौतों को 'सामान्य' बताते हुए इस घोटाले की सीबीआई जांच कराने से इनकार कर दिया है।
व्यापमं घोटाले के आरोपियों की बड़ी संख्या में कथित तौर पर हुई अस्वाभाविक मौतों के सवाल पर गौर ने कहा, 'आरोपी बीमार हुए और उनकी मृत्यु हो गई। इस प्रकार यह सभी मौतें सामान्य हैं।'
व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग पर उन्होंने कहा, 'इसकी सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है।' उच्चतम न्यायालय भी इस मांग को खारिज कर चुका है और वर्तमान में इसकी जांच मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की सख्त निगरानी में हो रही है।
व्यापमं घोटाले में फंसे दो आरोपियों की रविवार को इंदौर और ग्वालियर में हुई मौत के बाद अब इस मामले में आरोपियों की संदिग्ध हालातों में हुई मौतों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है।
ग्वालियर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विरेंद्र जैन ने बताया कि इस मामले में जमानत पर चल रहे डॉ राजेन्द्र आर्य (40) की रविवार सुबह ग्वालियर के बिरला अस्पताल में मौत हो गई जबकि एक अन्य आरोपी नरेन्द्र सिंह तोमर की रविवार के दिन ही इंदौर की एक जेल में कथित तौर पर संदिग्ध हालात में मौत हो गई।
व्यापमं फर्जीवाड़े की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय को तीन दिन पहले इस घोटाले में शामिल रहे 23 ऐसे आरोपियों की सूची सौंपी, जिनकी अस्वाभाविक मौत हुई है।
कुछ खबरों में इस घोटाले के 40 आरोपियों की मौत अस्वाभाविक रूप से होने का दावा किया गया है। प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, व्यापमं के उच्च अधिकारी एवं बिचौलियों सहित असल विद्यार्थियों के स्थान पर फर्जी परीक्षा देने वाले कई लोग इस घोटाले के आरोपी हैं और जेल में बंद हैं।
व्यापमं घोटाले के आरोपियों की बड़ी संख्या में कथित तौर पर हुई अस्वाभाविक मौतों के सवाल पर गौर ने कहा, 'आरोपी बीमार हुए और उनकी मृत्यु हो गई। इस प्रकार यह सभी मौतें सामान्य हैं।'
व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग पर उन्होंने कहा, 'इसकी सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है।' उच्चतम न्यायालय भी इस मांग को खारिज कर चुका है और वर्तमान में इसकी जांच मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की सख्त निगरानी में हो रही है।
व्यापमं घोटाले में फंसे दो आरोपियों की रविवार को इंदौर और ग्वालियर में हुई मौत के बाद अब इस मामले में आरोपियों की संदिग्ध हालातों में हुई मौतों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है।
ग्वालियर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विरेंद्र जैन ने बताया कि इस मामले में जमानत पर चल रहे डॉ राजेन्द्र आर्य (40) की रविवार सुबह ग्वालियर के बिरला अस्पताल में मौत हो गई जबकि एक अन्य आरोपी नरेन्द्र सिंह तोमर की रविवार के दिन ही इंदौर की एक जेल में कथित तौर पर संदिग्ध हालात में मौत हो गई।
व्यापमं फर्जीवाड़े की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय को तीन दिन पहले इस घोटाले में शामिल रहे 23 ऐसे आरोपियों की सूची सौंपी, जिनकी अस्वाभाविक मौत हुई है।
कुछ खबरों में इस घोटाले के 40 आरोपियों की मौत अस्वाभाविक रूप से होने का दावा किया गया है। प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, व्यापमं के उच्च अधिकारी एवं बिचौलियों सहित असल विद्यार्थियों के स्थान पर फर्जी परीक्षा देने वाले कई लोग इस घोटाले के आरोपी हैं और जेल में बंद हैं।
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