दिल्ली में कब खुलेंगे 1 से 8वीं तक के स्कूल, डीडीएमए ने दिया ये जवाब

दिल्ली में 8वीं तक के स्कूलों को फिलहाल बंद रखने का  फैसला किया गया है. हालांकि 9वीं से ऊपर की क्लासेज 50 फीसदी कैपेसिटी के साथ चलती रहेंगी. ये फैसला 30 सितंबर तक लागू रहेगा.

दिल्ली में कब खुलेंगे 1 से 8वीं तक के स्कूल, डीडीएमए ने दिया ये जवाब

दिल्ली में पहली से आठवीं तक के स्कूल फिलहाल रहेंगे बंद

नई दिल्ली:

Delhi School Reopen: दिल्ली में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल 50 फीसदी क्षमता के साथ खुले हुए हैं. वहीं पहली से आठवीं तक के स्कूल कब खुलेंगे, इसे लेकर डीडीएमए ने स्थिति साफ कर दी है.  डीडीएमए द्वारा जारी आदेश के मुताबिक- दिल्ली में 8वीं तक के बच्चों के लिए अभी नहीं खुलेंगे. 8वीं तक के स्कूलों को फिलहाल बंद रखने का  फैसला किया गया है. हालांकि 9वीं से ऊपर की क्लासेज 50 फीसदी कैपेसिटी के साथ चलती रहेंगी. बिजेनस टू बिजनेस और बिजनेस टू कस्टमर एग्जिबिशन को भी अनुमति मिल गई है. 50 फीसदी क्षमता के साथ ऑडिटोरियम और असेंबली हॉल्स में कार्यक्रम आयोजित हो सकेंगे. ये आदेश 30 सितंबर तक लागू रहेगा.


स्कूल आने के लिए माता-पिता की मर्जी जरूरी

कुल क्षमता के 50% ही बच्चे एक समय में स्कूल आ सकते हैं
एक सीट छोड़ कर बैठने की व्यवस्था 
सोशल डिस्टेंसिंग के लिए अलग समय का फ़ॉर्मूला
मॉर्निंग-ईवनिंग शिफ़्ट के बीच 1 घंटे का गैप 
खाना, किताबें, स्टेशनरी साझा नहीं करने की हिदायत
ओपन एरिया में लंच ब्रेक की सलाह
स्कूल बुलाने के लिए माता-पिता की मंज़ूरी ज़रूरी
कंटेंमेंट ज़ोन के टीचर, स्टाफ, छात्रों को इजाज़त नहीं 
स्कूल परिसर में एक क्वारंटीन रूम बनाना होगा
परिसर में थर्मल स्कैनर, सैनिटाइजर, मास्क का इंतज़ाम
एंट्री गेट पर थर्मल स्कैनर अनिवार्य

दिल्ली में 9 वीं से 13वीं तक के बच्चों के स्कूल के लिए ये हैं गाइडलाइंस
क्लास रूम की सीटिंग क्षमता के अधिकतम 50 फीसदी तक बच्चे एक बार मे क्लास कर सकते हैं. हर क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए अलग-अलग समय का फॉर्मूला है. मॉर्निंग और इवनिंग शिफ्ट के स्कूलों में दोनों शिफ्टों के बीच कम से कम एक घंटे का गैप जरूरी है. बच्चों को अपना खाना, किताबें और अन्य स्टेशनरी का सामान एक-दूसरे से साझा नहीं करने की सलाह देने को कहा गया है. लंच ब्रेक को किसी ओपन एरिया में इस अलग-अलग समय पर रखने की सलाह दी गई है ताकि एक समय मे ज़्यादा भीड़ एकत्र न हो. सीटिंग अरेंजमेंट इस तरह से किया जाए कि एक सीट छोड़कर बैठने की व्यवस्था हो. बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए माता-पिता की मंजूरी ज़रूरी है. कोई अभिभावक यदि अपने बच्चे को स्कूल भेजना नहीं चाहता है तो इसके लिए उसे बाध्य नहीं किया जाएगा.

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कंटेनमेंट जोन में रहने वाले टीचिंग स्टाफ या  स्टूडेंट्स को स्कूल आने की इजाज़त नहीं होगी. स्कूल परिसर में एक क्वारंटीन रूम बनाना अनिवार्य है, जहां जरूरत पड़ने पर किसी भी बच्चे या स्टाफ को रखा जा सकता है. यह सुनिश्चित किया जाए कि स्कूल के कॉमन एरिया की साफ-सफाई नियमित तौर पर हो रही है. शौचालयों में साबुन और पानी का इंतजाम है. साथ ही स्कूल परिसर में थर्मल स्कैनर, सैनिटाइजर और मास्क आदि की उपलब्धता है. एंट्री गेट पर थर्मल स्कैनर अनिवार्य होगी. बच्चों के साथ-साथ स्टाफ के लिए भी मास्क जरूरी होगा. इससे अलग एंट्री गेट पर ही बच्चों के हाथ सैनिटाइज कराए जाएंगे. हेड ऑफ स्कूल को एसएमसी मेंबर्स के साथ मीटिंग, कोविड प्रोटोकॉल प्लान और थर्मल स्कैनर, साबुन और सैनिटाइजर आदि का इंतजाम कर लेने के लिए कहा गया है. स्कूल प्रमुखों को ये भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि स्कूल में आने वाले सभी टीचर और स्टाफ वैक्सीनेटेड हों, अगर नहीं हैं तो इसे प्रमुखता देनी होगी. जिन स्कूलों में वैक्सीनेशन और राशन बांटने का काम चल रहा है वहां उस हिस्से को स्कूल में एकेडमिक एक्टिविटी वाली जगह से अलग रखा जाएगा. इसके लिए अलग एंट्री-एग्जिट पाइंट बनाए जाएंगे और सिविल डिफेंस स्टाफ को तैनात किया जाएगा.