राज्यसभा चुनाव से एक दिन पहले पार्टियां जटिल गणित में उलझीं। जानिए 10 बातें

राज्यसभा चुनाव से एक दिन पहले पार्टियां जटिल गणित में उलझीं। जानिए 10 बातें

नई दिल्ली:

पंद्रह राज्यों में राज्यसभा सीटों के चुनाव कल होने वाले हैं। इनमें से छह राज्यों  की 57 सीटों पर मतदान की नौबत आ गई है जिनको लेकर पार्टियां अपने अपने गुणा भाग में लग गए हैं।

ये हैं इस चुनाव से संबंधित 10 खास बातें

1    उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन दे कर 11 सीटों के  राज्यसभा चुनाव के गणित को जटिल बना दिया है। इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले हैं कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल हैं जो मायावती की बीएसपी और अजीत सिंह के रालोद की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं।

2    उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के सात बीएसपी के दो, बीजेपी का एक और कांग्रेस का एक उम्मीदवार है।  निर्दलीय उम्मीदवार प्रीति महापात्रा को बीजेपी का समर्थन है।

3    मध्य प्रदेश में जहां बीजेपी विधायकों की संख्या अधिक है, पार्टी के दो उम्मीदवार आसानी से जीत जाएंगे जबकि तीसरी सीट के लिए बीजेपी और कांग्रेस में मुकाबला होगा।

4    झारखंड की दो सीटों बीजेपी के खाते में जाएंगीं। लेकिन तीसरी सीट के लिए बीजेपी की तरफ से महेश पोद्दार ने अपना नामांकन भरा है जिसकी वजह से वोटिंग होना तय है और कांग्रेस समर्थित झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार वसंत सोरेन को छह वोटों की कमी पड़ रही है। बीजेपी के मुख्तार अब्बास नकवी पहली सीट जीत जाएंगे।

5    उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रदीप तामता का दो निर्दलीय उम्मीदवारों से सामना होगा। अब सब कुछ इस पर निर्भर होगा कि मायावती उत्तराखंड में किसका समर्थन करेंगी। यही स्थिति यूपी और मध्य प्रदेश में भी रहेगी।

6    कर्नाटक में चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव टालने या रद्द् करने से इनकार कर दिया है। यहां कांग्रेस ने अपने तीन उम्मीदवारों को खड़ा करके चार सीटों पर मतदान को जरूरी कर दिया है।  बीजेपी एक सीट जीत जाएगी लेकिन जनता दल सेक्यूलर को लग रहा है कि उसके एकमात्र उम्मीदवार बीएम फारुख शायद न जीत पांए।

7     हरियाणा में कांग्रेस का कुछ सीधे तो दांव पर नहीं है लेकिन यहां वह बड़े ही असमंजस में है। यहां दो सीटों में से बीजेपी एक जीत जाएगी और दूसरी के लिए बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार और  INLD समर्थित उम्मीदवार के बीच मुकाबला होगा। कांग्रेस का समर्थन ही विजेता तय करेगा। यदि वह बीजेपी को समर्थन देती है तो राज्यसभा में उसके विरोधी की संख्या बढ़ जाएगी। जबकि स्थानीय इकाई INLD को समर्थन देने के खिलाफ है।

8    छह मंत्री कल राज्यसभा में अपनी वापसी की उम्मीद कर रहे हैं जिसमें मुख्तार अब्बास नकवी, वैंकया नायडू, निर्मला सीतारमन, चौधरी बीरेंद्र सिंह, पीयूष गोयल और सुरेश प्रभु शामिल हैं।

9    राज्यसभा चुनाव के बाद बीजेपी की राज्यसभा में संख्या बढ़ जाएगी जहां उसे बिल पास करने में खासी दिक्कत होती है। वह सबसे बड़ी पार्टी तो नहीं बनेगी लेकिन उसका कांग्रेस से अंतर कम रह जाएगा।

10     राज्यसभा चुनाव में राज्यों के विधानसभा सदस्य वोट करते हैं।


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