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This Article is From Feb 12, 2011

देवबंद में धारा-144 के बावजूद बयानबाजी जारी

देवबंद: गुजरात के बारे में अपने बयानों को लेकर विवादों में आए दारूल उलूम के कुलपति के समर्थन में और विरोध में लगातार हो रही बैठकों और जुलूसों पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी, लेकिन विभिन्न वर्ग की ओर से अब भी बयानबाजी जारी है। उधर, दारुल उलूम के कुलपति (मोहतमिम) मौलाना गुलाम वस्तानवी को देवबंद के गुर्जर समुदाय ने पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है। इस समुदाय के चौधरी नूर हसन और चौधरी वसीम ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि देवबंद के 80 फीसदी गुर्जर मौलाना वस्तानवी का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि मजलिस-ए-शूरा दारूल उलूम का सर्वोच्च अधिकार निकाय है। लिहाजा, इस निकाय द्वारा वस्तावनी का चयन करने का निर्णय एकदम सही है। गुर्जर समुदाय ने शूरा के फैसले का सम्मान करने की सभी से अपील की है। प्रशासन ने मौलाना वस्तानवी के समर्थन में और विरोध में बैठकें करने तथा जुलूस निकालने पर रोक लगाने के लिए धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी थी, लेकिन इसके बाद भी लोग सक्रिय हैं और प्रेस के जरिये अपनी बात आवाम तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

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दारूल उलूम, देवबंद, निषेधाज्ञा
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