NEET के खिलाफ आवाज उठाने वाली दलित छात्रा अनिता की आत्महत्या का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

वकील जी एस मणि ने याचिका दाखिल की है. बुधवार को सुनवाई हो सकती है.

NEET के खिलाफ आवाज उठाने वाली दलित छात्रा अनिता की आत्महत्या का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

दलित छात्रा अनिता (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

मेडिकल दाखिले के टेस्ट NEET के खिलाफ आवाज उठाने वाली 17 साल की दलित छात्रा एस अनिता की आत्महत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि मद्रास हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में पूरे मामले की जांच हो. याचिका में ये भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार को आदेश दे कि वो राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखें. याचिका में ये भी मांग की गई है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन न करे.  वकील जी एस मणि ने याचिका दाखिल की है. बुधवार को सुनवाई हो सकती है.

इससे पहले तमिलनाडु की नीट यानी कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ने वाली दलित स्टूडेंट अनिता ने खुदखुशी कर ली थी. अनिता 12वीं की टॉपर थी. मृतक छात्रा अनिता तमिलनाडु की अरियालुर जिले की रहने वाली थीं. 

यह भी पढ़ें : नीट की काउंसलिंग में हिस्सा लेने का आखिरी मौका, 7 सितंबर तक होगी काउंसलिंग

बताया जा रहा है कि 17 वर्षीय अनिता ने आत्महत्या इसलिए की है क्योंकि वो 12वीं की टॉपर होने के बाद भी मेडिकल सीट पाने में सफल नहीं हो पाई थी. बता दें कि तमिलनाडु ने इस साल राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (NEET) से राज्य को बाहर रखने के लिए अधिसूचना जारी की थी. 

इसके बाद केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि तमिलनाडु द्वारा हाल ही में जारी अधिसूचना का वह समर्थन नहीं करता है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य को नीट के आधार पर काउंसिलिंग करने का आदेश दिया था. बताया जा रहा है कि इसी बात से परेशान अनिता ने आत्महत्या कर ली. 

अनिता ने नीट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उसने 12वीं की परीक्षा में 1200 मार्क्स में से 1176 मार्क्स का स्कोर किया था. उसने अपनी याचिका में कहा था कि नीट का प्रश्न पत्र काफी कठिन था और पूरी तरह से सीबीएसई पर आधारित था. उसने अपनी याचिका में इस बात का जिक्र किया था कि नीट का परीक्षा प्रारुप राज्य के पाठ्यक्रम के स्टूडेंट के साथ न्याय नहीं कर रहा है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए तमिलनाडु सरकार को नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट यानि नीट के तहत मेडिकल काउंसलिंग कराने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि नीट पर तमिलनाडु सरकार के अध्यादेश को मंजूरी नहीं दे सकते.  कोर्ट ने कहा कि काउंसलिंग प्रक्रिया 4 सितंबर तक हो जानी चाहिए. 


दुर्भाग्य से नीट की प्रवेश परीक्षा में अनिता का स्कोर अच्छा नहीं था. वो 700 में से महज 86 अंक ही स्कोर कर पाई थी. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि वो मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कॉलेज में स्थान पा लिया था. इसी 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को ये आदेश दिया था कि राज्य में मेडिकल कॉलेजों मे एडमिशन नीट की प्रवेश परीक्षा के आधार पर लें. 


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com