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पुलिस ने कहा कि एक विशेष जांच दल को जिम्मेदारी दी गई है कि वह बिट्टी मोहंती की पहचान स्थापित करने के लिए ज्यादा से ज्यादा सबूत इकट्ठा करे।
गौरतलब है कि पुलिस ने कहा कि एक विशेष जांच दल (एसआईटी) को जिम्मेदारी दी गई है कि वह बिट्टी की पहचान स्थापित करने के लिए ज्यादा से ज्यादा सबूत इकट्ठा करे। बिट्टी केरल में ‘राघव राजा’ के नाम से रह रहा था। वह एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में नौकरी भी कर रहा था।
पयन्नूर की प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट एस स्मिता ने बिट्टी को 10 दिन के लिए केरल पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने पूछताछ के लिए उसकी हिरासत मांगी थी। पुलिस सबूत इकट्ठा करने के लिए बिट्टी को अपने साथ राजस्थान के साथ आंध्र प्रदेश और उसके गृह राज्य ओडिशा भी ले जाएगी।
दरअसल, केरस के बैंक की पाझायेंगाडी स्थित शाखा के कर्मचारियों को जब अपने इस सहकर्मी की पहचान के बारे में संदेह हुआ तब उस पर संकट आ गया। टीवी चैनलों पर प्रसारित विभिन्न यौन अपराधों के आरोपियों की तस्वीरों में उसे देखे जाने और दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड के मद्देनजर इंटरनेट पर उसकी तस्वीरें देखे जाने पर उसके सहकर्मियों को उस पर संदेह हुआ। बाद में बैंक अधिकारियों को एक गुमनाम खत भी मिला, जिसमें लिखा था कि जो शख्स वहां ‘राघव राजा’ के नाम से काम कर रहा है, वह दरअसल बिट्टी है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बिट्टी ने पुलिस के समक्ष पूछताछ के दौरान अपनी असली पहचान को स्वीकार कर लिया था पर शनिवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष जब उसे पेश किया गया तब उसने इससे मुकरते हुए दावा किया कि वह फरार बलात्कारी नहीं है।
ओडिशा के पूर्व पुलिस महानिदेशक बीबी मोहंती के पुत्र बिट्टी खुद को आंध्र प्रदेश निवासी होने का दावा करता था और उसने अच्छी मलयालम बोलना भी सीख लिया था।
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